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    ढहाया जाएगा आश्रम, जेल में उतर गया रामपाल का चेहरा

    By Sachin kEdited By:
    Updated: Sat, 22 Nov 2014 08:01 AM (IST)

    हरियाणा के बरवाला में रामपाल के सतलोक आश्रम को ढहाने की तैयारी चल रही है। हिसार के जिला नगर योजनाकार ने राज्य सरकार को भेजी अपनी रिपोर्ट में आश्रम की बुनियाद पूरी तरह से अवैध करार दिया है। आश्रम का अधिकतर हिस्सा बिना सीएलयू (चेंज आफ लैंड यूज) के अवैध

    चंडीगढ़, जागरण ब्यूरो। हरियाणा के बरवाला में रामपाल के सतलोक आश्रम को ढहाने की तैयारी चल रही है। हिसार के जिला नगर योजनाकार ने राज्य सरकार को भेजी अपनी रिपोर्ट में आश्रम की बुनियाद पूरी तरह से अवैध करार दिया है। आश्रम का अधिकतर हिस्सा बिना सीएलयू (चेंज आफ लैंड यूज) के अवैध रूप से खड़ा किया गया है।

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    हालांकि सतलोक आश्रम की तरफ से शुरुआत में राज्य सरकार से अनापत्ति प्रमाण पत्र मांगा गया था, लेकिन आश्रम बरवाला के तहत कंट्रोल एरिया में पड़ता था, इसलिए उसे सीएलयू करानी जरूरी थी। रामपाल अथवा आश्रम प्रबंधन की तरफ से सीएलयू नहीं ली गई। रामपाल ने वर्ष 2009 में बिना जरूरी औपचारिकताएं पूरी किए आश्रम की कई-कई मंजिलें बना लीं।

    हरियाणा के टाऊन एंड कंट्री प्लानिंग डिपार्टमेंट ने पिछले साल 22 नवंबर को आश्रम प्रबंधन को नोटिस भिजवाकर सीएलयू से जुड़ी जरूरी औपचारिकताएं पूरी करने के निर्देश भी दिए थे। जरूरी सरकारी औपचारिकताएं किए बिना हो रहे अवैध निर्माण को रुकवाने के लिए अधिकारियों ने सतलोक आश्रम में प्रवेश करने की कोशिश की तो उन्हें अंदर नहीं घुसने दिया गया था। इस पर इसी साल अप्रैल में आश्रम में हुए अवैध निर्माण को गिराने के आदेश दिए गए। तब निर्माण गिराने का काम आश्रम के अनुयायियों व प्रबंधकों की तरफ से पड़े दबाव के कारण लटक गया था। अब सरकार नए सिरे से इस दिशा में कदम बढ़ाएगी।

    865 आरोपी गिरफ्तार

    पुलिस ने सतलोक आश्रम से 865 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इनमें मध्य प्रदेश, छतीसगढ़, बिहार, उत्तर प्रदेश, नेपाल सहित अन्य राज्यों के निवासी हैं। पुलिस इन सभी राज्यों की पुलिस को आश्रम से पकड़े गए आरोपियों की फोटो व नाम-पता भेजेगी। वहां सत्यापन किया जाएगा कि इनका कोई अपराधिक रिकॉर्ड है या नहीं। यह भी जांच होगी कि वे नक्सली तो नहीं हैं।

    हवालात में सिर झुकाए रामपाल का चेहरा उतरा

    हिसार, [सुरेंद्र सोढी]। हवालात के ठीक सामने पुलिस अधिकारियों का कार्यालय, गैलरी में मुलाजिमों की चहल-पहल और रामपाल। सुबह छह बजे। रामपाल कंबल ओढ़कर बैठ गए। एक पुलिसकर्मी ने सलाखों के पास जाकर कहा- 'चाय ला दयूं के'। सिर्फ मुंह से सहमति जताकर रामपाल पैरों को समेट कर बैठ गए। थाने के मुख्य द्वार के पास बनी कैंटीन से चाय का गिलास लाकर दिया गया। अत्याधुनिक शौचालय का इस्तेमाल करने वाले रामपाल को हवालात के भीतर बना हुआ टॉयलेट रास नहीं आ रहा था। दूध, केसर, चंदन, घी, गुलाब और महंगे इत्र से नहाने वाले रामपाल ने गिरफ्तारी के बाद से मुंह तक नहीं धोया है।

    करीब सात बजे रामपाल ने एक पुलिसकर्मी को आवाज दी- 'रै भाई, एक कप चा (चाय) और पिला दे।' चाय दी गई। सुबह सवा दस बजे रामपाल को खाने के लिए पूछा गया। रामपाल ने कहा- 'भूख नहीं है, थोड़ी देर बाद खा ल्यूंगा'। पौने ग्यारह बजे रामपाल को थाने में बनी दाल और चार रोटी दी गई। रामपाल ने थोड़ी सी दाल और एक रोटी बमुश्किल हलक से नीचे उतारने के लिए पानी गटक लिया। बृहस्पतिवार रात को पुलिस की कड़ी पूछताछ और शुक्रवार दिन भर हवालात में कभी उठते-बैठते और कभी सवालों के जवाब में वह उलझे रहे।

    करवटें बदलते रहे सारी रात...

    मलमल का बिस्तर, मौसम को वश में करने वाले उपकरण और विलासिता की इच्छापूर्ति के तमाम बंदोबस्त के साथ नींद लेने वाले रामपाल को हवालात का काला कंबल काट रहा था। पूरी रात उन्होंने करवटें बदलकर ही गुजार दी।

    'बुद्धि भ्रष्ट होगी थी'

    पुलिस अधिकारियों ने जब रामपाल से पूछा कि पहले क्यों कोर्ट में नहीं पेश हो गए तो वे बोले- 'बुद्धि भ्रष्ट होगी थी। ईब तो जो भी है, आपके सामणे सै। इसके अलावा मैं कुछ नहीं जाणता।'

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    आश्रम नहीं कुकृत्यों का अड्डा