अब राकेश सिन्हा ने अपनाए बगावती तेवर, रामदास को हटाने का किया विरोध
आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल पार्टी में सब कुछ ठीक होने की बात कहते हैं। मगर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के बगावती तेवर उनकी बात को झुठलाते हैं। पार्टी के संस्थापक सदस्य प्रशांत भूषण, योगेंद्र यादव के बाद अब पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य प्रोफेसर राकेश
नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल पार्टी में सब कुछ ठीक होने की बात कहते हैं। मगर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के बगावती तेवर उनकी बात को झुठलाते हैं। पार्टी के संस्थापक सदस्य प्रशांत भूषण, योगेंद्र यादव के बाद अब पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य प्रोफेसर राकेश सिन्हा ने भी बगावती तेवर अपना लिए हैं। उन्होंने मंगलवार को पार्टी के लोकपाल एडमिरल रामदास को हटाने के लिए गए फैसले का खुले तौर पर विरोध किया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक की भी उन्हें जानकारी नहीं दी गई थी।
प्रोफेसर सिन्हा ने पार्टी नेतृत्व को एक चिट्ठी लिखी है। इसमें उन्होंने पार्टी के आदर्श से भटकने का आरोप लगाया है। साथ ही आतंरिक लोकपाल को हटाने के तरीके का भी विरोध किया है। सिन्हा का मानना है कि रामदास को हटाने का तरीका ठीक नहीं था। सिन्हा के अनुसार हमें लगता है कि कुछ बड़े फैसले जल्दबाजी में लिए गए। सबसे दु:खद मसला लोकपाल को निकालने का रहा। सबसे ज्यादा हैरत नए लोकपाल की नियुक्ति पर हुई। पद से हटने समय लोकपाल को अपना उत्तराधिकारी तय करना चाहिए था। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। आप की कार्यप्रणाली पर निशाना साधते हुए सिन्हा ने कहा कि जिस सोच के साथ पार्टी इस वक्त काम कर रही है उसके लिए इसका गठन नहीं हुआ था। दूसरी तरफ पार्टी का कहना है कि राष्ट्रीय परिषद की बैठक की सूचना सभी सदस्यों को दी गई थी। राष्ट्रीय परिषद की बैठक में सभी को यह भी बताया गया था कि कोई भी सदस्य पार्टी के फैसलों पर सवाल नहीं उठाएगा और फैसलों को लेकर मीडिया या सोशल मीडिया में नहीं जाएगा फिर भी राकेश सिन्हा इस तरह की बयान दे रहे हैं जो गलत है। क्योंकि इस मामले में सभी प्रक्रियाओं में पार्टी संविधान का पालन किया गया है।
केजरी ने विधायकों को बनाया था बंधक: खन्ना
नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी के एक और पूर्व विधायक अरविंद केजरीवाल के विरोध में आ गए हैं। तिमारपुर क्षेत्र से पार्टी के पूर्व विधायक हरीश खन्ना ने केजरीवाल पर तानाशाह होने का आरोप लगाया है। खन्ना का दावा है कि केजरीवाल ने एक दिन के लिए विधायकों को बंधक बना लिया था। इससे खन्ना को काफी दु:ख हुआ और दोबारा चुनाव लडऩे से मना कर दिया था।
तिमारपुर से पूर्व विधायक हरीश खन्ना का कहना है कि 8 सितंबर 2013 को संगम विहार के विधायक दिनेश मोहनिया का एक स्टिंग केजरीवाल ने सार्वजनिक किया था। इसके जरिए उन्होंने भाजपा पर खरीद-फरोत का आरोप लगाया था। उसी दिन केजरीवाल ने सभी विधायकों को अकेले अपने घर बुलाया। मौके पर पहुंचने पर सभी विधायकों को बताया गया कि उप-राज्यपाल से मिलकर भाजपा सरकार बनाने का दावा पेश कर सकती है। लिहाजा सभी विधायक उनके घर पर रहेंंगे। खन्ना का आरोप है कि एक दिन तक विधायकों को पूरी तरह बंधक बनाए रखा गया। किसी को घर से बाहर नहीं निकलने दिया। खन्ना ने बताया कि इससे साफ जाहिर हुआ कि केजरीवाल को अपने विधायकों पर यकीन नहीं है।
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