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    विजय माल्या का राज्यसभा से निष्कासन लगभग तय,मिला एक हफ्ते का समय

    By Manish NegiEdited By:
    Updated: Tue, 26 Apr 2016 09:26 AM (IST)

    शराब कारोबारी विजय माल्या की राज्यसभा सदस्यता रद हो सकती है। एथिक्स कमेटी ने विजय माल्या को जवाब देने के एक हफ्ते का समय दिया है। ...और पढ़ें

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    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। उद्योगपति विजय माल्या का राज्यसभा से निष्कासन लगभग तय है। उच्च सदन की आचरण समिति ने माल्या की राज्यसभा सदस्यता रद करने की सिफारिश की है। माल्या पर बैंकों का 9,400 करोड़ रुपये का कर्ज अदा न करने के अलावा सदन से इसकी जानकारी छुपाने तथा विदेश भागने के आरोप हैं।
    आचरण समिति के सभी सदस्य माल्या को राज्यसभा से निष्कासित करने के पक्ष में हैं। हालांकि अध्यक्ष डा. कर्ण सिंह ने संसदीय प्रक्रिया की औपचारिकता पूरी करने के लिए माल्या को सफाई के लिए एक सप्ताह का समय देने का निर्णय लिया है।

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    तस्वीरों में देखें: विजय माल्या का परिवार और उनकी निजी जिंदगी

    माल्या इस समय देश से बाहर हैं। वह 2 मार्च को देश छोड़कर चले गए थे। समझा जाता है कि वह इस समय ब्रिटेन में हैं। उन्हें वापस लाने के लिए सरकार पहले ही उनका पासपोर्ट रद कर चुकी है।

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    डा. कर्ण सिंह ने संवाददाताओं से कहा, 'हमने माल्या से जुड़े पूरे मामले की समीक्षा की है। हमने बैंकों से जो कागजात मांगे थे वे भी हमें प्राप्त हो चुके हैं। समिति इस बात को लेकर एक राय है कि माल्या की राज्यसभा सदस्यता समाप्त कर दी जानी चाहिए। परंतु हमें प्रक्रिया का पालन करना होगा। यही वजह है कि समिति ने माल्या को अपनी सफाई पेश करने के लिए एक सप्ताह का समय देने का निर्णय लिया है। माल्या पर अंतिम फैसले के लिए समिति की अगली बैठक 3 मई को होगी।

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    समिति के सदस्य शरद यादव ने भी कहा, 'माल्या को राज्यसभा से निकाला जाना चाहिए। और उन्हें निकाला जाएगा। उनकी सदस्यता प्राय: समाप्त ही समझिए। यह पक्का है कि उनकी सदस्यता जाएगी। केवल संसदीय प्रक्रिया का पालन करने के लिए उन्हें समय दिया गया है।

    समिति के एक अन्य सदस्य सीताराम येचुरी ने भी कहा, 'समिति की राय में माल्या को राज्यसभा सदस्य रहने का कोई हक नहीं है। समिति ने माल्या की एयरलाइन किंगफिशर की देनदारियों के बारे में 13 बैंकों से ब्यौरा मांगा था। सभी के उत्तर प्राप्त हो गए हैं। और इनके मुताबिक माल्या की कंपनी पर कुल 9,431.65 करोड़ रुपये का कर्ज बाकी है। इसमें से अकेले आइडीबीआइ का कर्ज 1687.04 करोड़ रुपये का है। जबकि इसके बाद पंजाब नेशनल बैंक का 1223 करोड़ रुपये का कर्ज है।

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    समिति ने इस आधार पर माल्या पर कड़ी कार्रवाई का निर्णय लिया है कि उन्होंने पिछले दस वर्षों में कभी भी इन देनदारियों की घोषणा नहीं की। जबकि राज्यसभा सदस्य के नाते उनसे हर साल ऐसा करने की अपेक्षा की जाती है।

    माल्या के खिलाफ केस मजबूत करने के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पिछले सप्ताह 17 बैंकों तथा विभिन्न जांच एजेंसियों को पत्र लिखा था। ईडी माल्या के खिलाफ आइडीबीआइ बैंक के कर्ज में धोखाधड़ी के अलावा मनी लांड्रिंग के आरोपों की जांच कर रहा है।

    विपक्षी सदस्यों के नोटिसों के जवाब में राज्यसभा के सभापति हामिद अंसारी ने पिछले महीने इस मामले को आचरण समिति के सिपुर्द कर दिया था। समिति ने 14 मार्च को इसका संज्ञान लिया।

    आचरण समिति में अध्यक्ष डा. कर्ण सिंह के अलावा सतीश चंद्र मिश्र (बसपा), अविनाश राय खन्ना (भाजपा), शरद यादव (जदयू), सीताराम येचुरी (माकपा), मुकुल राय (तृणमूल), नीरज शेखर (सपा), ए. नवनीत कृष्णन (अन्नाद्रमुक) तथा देवेंद्र गौड़ (तेदेपा) शामिल हैं।

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