निजी और विदेशी निवेश की पटरी पर गौड़ा ने दौड़ाई 'मोदी एक्सप्रेस'
यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का रेल बजट है, जिसे रेलमंत्री सदानंद गौड़ा ने पेश किया है। यह इस सोच पर आधारित है कि भविष्य की रेल अकेले सरकार के बूते नहीं चलेगी। मौजूदा ढर्रे पर यह न तो दुनिया से होड़ ले सकती है और न ही अपने ग्राहकों का भला कर सकती है। इसका उद्धार करने के लिए स्वदेशी और विदेशी निवेशकों को भागीदार बनाना होगा। मोदी सरकार का पहला रेल बजट इसी बुनियादी बदलाव की जमीन तैयार करता है, जिस पर उम्मीदों की नई इबारत लिखने की कोशिश की गई
नई दिल्ली [संजय सिंह]। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का रेल बजट है, जिसे रेलमंत्री सदानंद गौड़ा ने पेश किया है। यह इस सोच पर आधारित है कि भविष्य की रेल अकेले सरकार के बूते नहीं चलेगी। मौजूदा ढर्रे पर यह न तो दुनिया से होड़ ले सकती है और न ही अपने ग्राहकों का भला कर सकती है। इसका उद्धार करने के लिए स्वदेशी और विदेशी निवेशकों को भागीदार बनाना होगा। मोदी सरकार का पहला रेल बजट इसी बुनियादी बदलाव की जमीन तैयार करता है, जिस पर उम्मीदों की नई इबारत लिखने की कोशिश की गई है। हालांकि, सियासी मजबूरियों से यह रेल बजट पूरी तरह से मुक्त नहीं रहा। शायद यही वजह है कि शेयर बाजार को यह रेल बजट नहीं भाया है।
इसमें निजी क्षेत्र की मदद से मुंबई-अहमदाबाद हाईस्पीड ट्रेन के साथ हीरक चतुर्भुज बनाने और नौ रूटों पर सेमी हाईस्पीड ट्रेने चलाने का आश्वासन दिया गया है। साथ ही 10 बड़े शहरों में एयरपोर्ट जैसे स्टेशन बनाने, पार्सल ट्रेनें चलाने तथा दुग्ध कंटेनर ट्रेनें चलाने का वादा किया गया है। ट्रेनों व स्टेशनों में खान-पान, स्वच्छता व बिस्तर के बेहतर इंतजामों के लिए निजी कंपनियों पर भरोसा जताने में भी कोई कोताही नहीं बरती गई है। यही नहीं, लोकलुभावन घोषणाओं के बजाय चुनिंदा परियोजनाओं को जल्द पूरा करने पर जोर दिया गया है। इसके लिए रेलवे बोर्ड को विभाजित किया जाएगा और परियोजना प्रबंधन व निगरानी समूह बनाए जाएंगे।
संसद में मंगलवार को 2014-15 का रेल बजट पेश करते हुए रेलमंत्री सदानंद गौड़ा ने जन प्रतिनिधियों की संतुष्टि के लिए 27 नई एक्सप्रेस व पांच जन साधारण ट्रेनों समेत कुल 58 नई ट्रेनों का एलान किया। साथ ही 18 नई लाइनों और 10 दोहरी, तिहरी और चौहरी लाइनों के सर्वेक्षण का प्रस्ताव किया। इतना ही नहीं, उन्होंने ¨हदू तीर्थ ट्रेनों के अलावा देवी, ज्योतिर्लिग, बौद्ध, जैन, सिख, मुसलिम, ईसाई सर्किटों के लिए विशेष पैकेज ट्रेनों की भी घोषणा कर दी। और तो और, विवेकानंद की जीवनी पर प्रकाश डालने वाली विशेष ट्रेन भी चलाई जाएगी।
यात्री सुविधाओं पर विशेष फोकस किया है। अब ट्रेनों में ब्रांडेड रेडी-टू-ईट पैकेज्ड खाना तो मिलेगा ही, ट्रेन में आरओ वाटर मशीन की सुविधा मिलने से पानी की बोतल नहीं खरीदनी पड़ेगी। प्लेटफॉर्मो पर विकलांगों के लिए बैटरी चालित कारें उपलब्ध होंगी। इसमें एनजीओ, ट्रस्ट व कल्याणकारी संस्थाओं की मदद ली जाएगी।
कामकाजी पेशेवरों की सहूलियत के लिए चुनिंदा ट्रेनों में भुगतान आधारित वर्कस्टेशन का पायलट प्रोजेक्ट चलाया जाएगा। रिटाय¨रग रूम की ऑनलाइन बुकिंग सुविधा दिसंबर तक सभी प्रमुख स्टेशनों के लिए उपलब्ध होने की उम्मीद है। खाने की गुणवत्ता का थर्ड पार्टी ऑडिट होगा और यात्रियों से सीधे फीडबैक लिया जाएगा। ट्रेनों में खाने बुकिंग ईमेल और एसएमएस पर की जा सकेगी।
पचास प्रमुख स्टेशनों में सफाई का जिम्मा पेशेवर एजेंसियों को दिया जाएगा। सीसीटीवी के जरिये इसकी निगरानी की जाएगी। गंदे लिनेन की समस्या से निपटने के लिए अलग से हाउसकीपिंग विंग बनेगा। सभी प्रमुख ट्रेनों में ऑनबोर्ड हाउसकीपिंग सुविधा मिलेगी और मशीनी लांड्रियों की संख्या बढ़ाई जाएगी। स्टेशनों के रखरखाव के लिए विशेष कोष की स्थापना होगी। शिकायत की सुविधा के लिए टिकटों पर ऑल इंडिया कंप्लेंट नंबर, हेल्पलाइन नंबर छापे जाएंगे। ए व ए1 श्रेणी के स्टेशनों पर वाई-फाई सुविधा मिलेगी। ट्रेनों में यात्रियों को जगाने और अगले स्टेशन की जानकारी देने के लिए मोबाइल आधारित व्यवस्था शुरू करने का एलान भी हुआ है।
इस सब के बावजूद सेफ्टी के मोर्चे पर निराशा हाथ लगी है। तीन दुर्घटनाओं के बाद उम्मीद थी कि इस बार पुख्ता उपाय किए जाएंगे, लेकिन केवल 2200 करोड़ रुपये दिए गए हैं। जिसमें ज्यादातर ओवरब्रिज बनाने के लिए हैं। दुर्घटना के कारण जानने के लिए सिमुलेशन सेंटर और ट्रेनों में ऑटोमेंटिक डोर के अलावा कोई बड़ी घोषणा नहीं की गई है। हां, रेलवे सुरक्षा बल में 17,000 पुरुष और 4000 महिला कांस्टेबलों की भर्ती और ट्रेनों में सुरक्षा गार्डो को मोबाइल फोन का वादा जरूर राहत देता है।
रेलवे इमारतों व जमीन पर सौर ऊर्जा पैनल लगाकर 500 मेगावाट बिजली पैदा करने का प्रस्ताव है। डीजल में पांच फीसद बायो-डीजल मिलाने की भी योजना है। रेलवे कार्यालयों को पेपरलेस बनाने का एलान किया गया है। ये सभी कदम पर्यावरण व स्वच्छ ऊर्जा के लिहाज से सराहनीय हैं। रेलवे विश्वविद्यालय के जरिये भविष्य के कुशल रेलकर्मी तैयार करने का रास्ता खोला गया है। रेलवे अब जंगरोधी वैगन बनाएगी, जबकि मुंबई में दो साल के भीतर 864 आधुनिक ईएमयू ट्रेनें चलाएगी।
महत्वपूर्ण घोषणाएं:---
-रेल भाड़े में कोई इजाफा नहीं।
-अब प्लेटफार्म टिकट भी मिलेगा ऑनलाइन।
- अहमदाबाद-मुंबई के बीच चलेगी बुलेट ट्रेन।
-मेट्रो शहरों को हाई स्पीड रेल सेवा से जोड़ा जाएगा।
-आरपीएफ में 17,000 जवानों की भर्ती होगी। जिसमें 4000 महिलाएं होंगी।
- दिल्ली-आगरा के बीच सेमी बुलेट ट्रेन चलाई जाएगी।
-160-200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलेगी सेमी बुलेट ट्रेन।
-ई टिकट सिस्टम में बदलाव होगा।
-दिल्ली-कानपुर के बीच चलेगी हाई स्पीड ट्रेन।
-चेन्नई-हैदराबाद के बीच हाई स्पीड ट्रेन चलेगी।
-मुंबई-गोवा के बीच भी चलेगी हाई स्पीड ट्रेन।
-देश में कुल 9 मार्गो पर चलेगी हाई स्पीड ट्रेन।
- चारधामों को रेल नेटवर्क से जोड़ा जाएगा।
-दिल्ली-चंडीगढ़ के बीच चलेगी हाईस्पीड ट्रेन।
-11 वर्तमान ट्रेनों का विस्तार होगा।
-18 नई रेल लाइनों का सर्वेक्षण होगा।
- बजट में रेल मंत्री ने पांच जन साधारण, पांच प्रीमियम, 6 एसी, 27 एक्सप्रेस, आठ पैसेंजर, दो एमईएमयू और पांच डीईएमयू सेवाएं शुरू करने की घोषणा की।
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