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    मोदी के सुरक्षित-सरपट रेल के सपने को साकार करेंगे सदानंद

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    Updated: Tue, 08 Jul 2014 08:18 AM (IST)

    संजय सिंह, नई दिल्ली। मंगलवार को पेश होने वाला मोदी सरकार का पहला रेल बजट देश को सुरक्षित, स्वच्छ, सुविधाजनक व सरपट रेल देने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपने को साकार करने की दिशा में रेलमंत्री सदानंद गौड़ा का प्रथम प्रयास होगा। इसके तहत सुपर स्टेशनों व ट्रेनों की नई व्यवस्था के साथ ही डिस्पोजेबल लिनेन, पैकेज्ड फूड क

    नई दिल्ली, [संजय सिंह]। मंगलवार को पेश होने वाला मोदी सरकार का पहला रेल बजट देश को सुरक्षित, स्वच्छ, सुविधाजनक व सरपट रेल देने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपने को साकार करने की दिशा में रेलमंत्री सदानंद गौड़ा का प्रथम प्रयास होगा। इसके तहत सुपर स्टेशनों व ट्रेनों की नई व्यवस्था के साथ ही डिस्पोजेबल लिनेन, पैकेज्ड फूड के अलावा प्रमुख ट्रेनों को वाई-फाई से लैस करने के प्रस्ताव आ सकते हैं। साथ ही, चार हाईस्पीड, चार सेमी हाईस्पीड व दो एग्री फ्रेट कॉरीडोर के निर्माण में निजी व विदेशी निवेश के तरीके का एलान होने की संभावना है।

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    रेल बजट का अहम बिंदु सेफ्टी व माडर्नाइजेशन फंड होगा। इसके जरिये मोदी सरकार का मुहूर्त खराब करने वाली ट्रेन दुर्घटनाओं पर ब्रेक लगाने की कोशिश की जाएगी। इसके साथ ही, शिकायत समाधान की नई प्रणाली सामने आएगी। इसमें अधिकारी खुद यात्रियों से संपर्क कर सुविधाओं की जमीनी हकीकत समझेंगे व समाधान पेश करेंगे। इसी तरह नई संवाद आधारित टोल फ्री पूछताछ सेवा भी लांच की जाएगी।

    परंपरा के मुताबिक, रेलमंत्री लोकसभा में दोपहर बारह बजे 2014-15 का रेल बजट भाषण शुरू करेंगे। प्रारंभ में रेलवे की उपलब्धियों व माली हालत का जिक्र होगा। बाद में नई सरकार के दृष्टिकोण, सुधारात्मक उपायों व कदमों का ब्योरा पेश किया जाएगा। मोदी सरकार का मानना है कि देश के बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने के लिए रेलवे को सुधारना होगा और उसे अहमियत देनी होगी। इस लिहाज से सरकार खुद भी रेलवे में ज्यादा पैसा लगाएगी व निजी क्षेत्र को भी निवेश के लिए प्रेरित करने के उपाय करेगी। इसके तहत 20 हजार करोड़ के सेफ्टी फंड को मिलाकर लगभग 40 हजार करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि जुटाने के प्रस्ताव होंगे। लोकसभा के बाद दो बजे राज्यसभा में रेल बजट प्रस्तुत किया जाएगा।

    रेल बजट का सबसे महत्वपूर्ण एलान सेफ्टी सह माडर्नाइजेशन फंड की स्थापना कर रेल सेवाओं को घाटे की संभावनाओं से बचाना होगा। साथ ही, रेलवे टैरिफ अथॉरिटी के गठन की समय सीमा तय कर रेलवे में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा को सौ फीसद करने का एलान संभव है। इससे रेलवे के आधुनिकीकरण के अवरुद्ध दरवाजे अपने आप खुल जाएंगे। देश-विदेश की श्रेष्ठ कंपनियों का पैसा व टेक्नोलॉजी दोनों ही भारतीय रेलवे को हासिल हो सकेंगे। इस तरह यह रेल बजट भारतीय रेलवे के कायाकल्प व दीर्घकालिक विकास का प्लेटफॉर्म बनेगा।

    तात्कालिक कदमों के तहत रेल यात्रियों की तकलीफें कम करने के लिए आधुनिक उपाय अपनाने पर जोर रहेगा। गंदे चादर-तौलियों की समस्या का समाधान डिस्पोजेबल लिनेन तो आदर्श स्टेशनों की जगह उत्तम या सुपर स्टेशनों की नई व्यवस्था सामने आ सकती है। इसमें शुरू में 100 स्टेशनों को शामिल किया जा सकता है। धार्मिक व पर्यटक स्थलों के लिए नए नामों वाली नई ट्रेनें, स्वच्छता की नई प्रणाली, राजधानी, शताब्दी, दूरंतो समेत एक्सप्रेस ट्रेनों में वाई-फाई सुविधा, आरपीएफ के जवानों के लिए नई ट्रेनिंग अकादमी का एलान भी हो सकता है।

    निजी व विदेशी निवेश की मदद से तीव्र ट्रेनें चलाने की प्रधानमंत्री मोदी की प्रतिबद्धता के मद्देनजर दिल्ली-लखनऊ-वाराणसी-पटना-कोलकाता, हैदराबाद-चेन्नई तथा चेन्नई-बेंगलूर-कोयंबटूर-तिरुवनंतपुरम हाईस्पीड कॉरीडोर व दिल्ली-आगरा, दिल्ली-कानपुर, दिल्ली-चंडीगढ़ और दिल्ली-मुंबई सेमी हाईस्पीड कॉरीडोर के निर्माण की रूपरेखा सामने आने की उम्मीद है।

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