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चुनावी हार का मंथन करने 'छुट्टी' पर गए राहुल गांधी, विपक्ष का हमला

लोकसभा चुनावों के बाद राज्य विधानसभा चुनावों में भी कांग्रेस के बेहद खराब प्रदर्शन के कारण विरोधियों के निशाने पर चल रहे कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी अब “कुछ दिन की छुट्टी” पर चले गए हैं। खुद पार्टी की मुखिया सोनिया गांधी ने स्‍वीकारा कि राहुल गांधी कुछ हफ्तों के लिए

By Jagran News NetworkEdited By: Published: Mon, 23 Feb 2015 10:20 AM (IST)Updated: Mon, 23 Feb 2015 03:29 PM (IST)
चुनावी हार का मंथन करने 'छुट्टी' पर गए राहुल गांधी, विपक्ष का हमला

नई दिल्ली। लोकसभा चुनावों के बाद राज्य विधानसभा चुनावों में भी कांग्रेस के बेहद खराब प्रदर्शन के कारण विरोधियों के निशाने पर चल रहे कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी अब “कुछ दिन की छुट्टी” पर चले गए हैं। खुद पार्टी की मुखिया सोनिया गांधी ने स्वीकारा कि राहुल गांधी कुछ हफ्तों के लिए अवकाश पर गए हैं।

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वहीं, विपक्ष ने इसे मुद्दा बनाते हुए राहुल और कांग्रेस पर निशाना साधा है। भाजपा प्रवक्ता डॉ. संबित पात्रा ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों से जिस तरह कांग्रेस काम कर रही है, उसे देखकर तो लगता कि राहुल को पूरे साल भर के लिए छुट्टी पर भेजा गया है। शिवसेना नेता संजय राउत ने भी इस मसले पर कांग्रेस को घेरते हुए सदन में राहुल गांधी की अनुपस्थिति का कारण पूछा है।

पार्टी सूत्रों के मुताबिक, राहुल पार्टी के कामकाज से कुछ समय के लिए छुट्टी चाहते थे, ताकि वे थोड़ा रिलैक्स कर सकें। लिहाजा, उनका अनुरोध पार्टी हाईकमान ने मंजूर कर लिया। बताया जा रहा है कि अवकाश के चलते राहुल बजट सेशन के पहले सप्ताह सदन में उपस्थित नहीं रह सकेंगे।

पार्टी सूत्र ने बताया कि कांग्रेस उपाध्यक्ष ने हाल की घटनाओं और पार्टी की भावी दिशा पर चिंतन करने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से कुछ समय का अवकाश दिए जाने का अनुरोध किया था, जिसे स्वीकार कर लिया गया है। उन्हें कुछ हफ्तों के लिए छुट्टी मिली है। वापस लौटकर वे पार्टी के कामकाज में सक्रियता से भाग लेंगे।

बता दें कि आगामी अप्रैल में कांग्रेस अधिवेशन भी होना है, जोकि उनके लिए एक महत्वपूर्ण इवेंट भी है। राहुल अच्छी तरह जानते हैं कि यह अधिवेशन पार्टी और उनके भविष्य के लिए काफी अहम है, जिसके लिए वह तैयार रहना चाहते हैं।

पिछले साल लोकसभा चुनावों में पार्टी को मिली करारी शिकस्त के बाद दिल्ली समेत कई राज्यों के विधानसभा चुनावों में भी हार का यह सिलसिला बरकरार रहा। राहुल के जमकर प्रचार करने के बावजूद पार्टी चुनावों में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सकी। कांग्रेस का दिल्ली में एक भी सीट न जीत पाना, उसकी प्रतिष्ठा का प्रश्न भी बन गया है।

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