टिकट आरक्षित करवाते समय दें सही जानकारी, वर्ना हो जाएंगे बेटिकट
आरक्षण फार्म भरते समय सही और सटीक जानकारी दें। थोड़ी सी लापरवाही भारी पड़ सकती है। काउंटर पर तैनात अतिरिक्त कर्मचारी फोन व मोबाइल नंबर, पता आदि की सत्यता की जांच करेंगे। यदि वे संतुष्ट नहीं हुए तो दिए गए मोबाइल नंबर पर फोन कर जानकारी हासिल कर सकते हैं। संदिग्ध टिकटों का विवरण ट्रेन टिक
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। आरक्षण फार्म भरते समय सही और सटीक जानकारी दें। थोड़ी सी लापरवाही भारी पड़ सकती है। काउंटर पर तैनात अतिरिक्त कर्मचारी फोन व मोबाइल नंबर, पता आदि की सत्यता की जांच करेंगे। यदि वे संतुष्ट नहीं हुए तो दिए गए मोबाइल नंबर पर फोन कर जानकारी हासिल कर सकते हैं। संदिग्ध टिकटों का विवरण ट्रेन टिकट एक्जामिनर (टीटीई) को भी दिया जाएगा। आरक्षण फार्म में यात्री द्वारा दिए गए विवरण व दस्तावेज में अंतर पाए जाने पर टिकट निरस्त कर दिया जाएगा। ऐसे में यात्री को बेटिकट मानकर जुर्माना भी वसूला जाएगा। इसलिए यदि फॉर्म भरने में परेशानी हो तो आरक्षण काउंटर पर तैनात रेलवे कर्मचारियों की मदद ले सकते हैं। संपर्क नंबर पर रेलवे की ओर से फोन आए तो उसे भी गंभीरता से लें।
टिकटों की कालाबाजारी करने वाले अक्सर दूसरे के नाम पर आरक्षित टिकट अन्य यात्री को बेच देते हैं। वे अच्छी-खासी रकम भी वसूलते हैं। इस तरह के कई मामले सामने आए हैं। गर्मी की छुट्टियों के दौरान उत्तर रेलवे सतर्कता विभाग ने अभियान चलाया। इस दौरान दूसरे के टिकट पर यात्र कर रहे 133 यात्रियों को पकड़कर 1.20 लाख रुपये वसूले गए। रेलवे अधिकारियों ने बताया कि दूसरे के नाम पर आरक्षित टिकट पर यात्र करना अपराध है। इसके बावजूद दलाल यात्रियों से ज्यादा पैसे लेकर उन्हें किसी और के नाम से आरक्षित टिकट थमा देते हैं। भीड़ भाड़ ज्यादा होने पर इस तरह की घटनाएं ज्यादा होती है। इसलिए त्योहार के दौरान इस तरह के घटनाओं को रोकने के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं।
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