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    रेल टिकट पर 'कैश ऑन डिलिवरी' की तैयारी

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    Updated: Wed, 20 Aug 2014 09:18 PM (IST)

    भारतीय रेलवे कैटरिंग एवं टूरिज्म कॉरपोरेशन [आईआरसीटीसी] ट्रेन के टिकटों की खरीद पर कैश ऑन डिलीवरी विकल्प मुहैया कराने की तैयारी कर रहा है। आईआरसीटीसी को उम्मीद है कि इससे टिकट खरीदी के दौरान आने वाली ट्रांजेक्शन फेल जैसी समस्याओं से मुक्ति मिल जाएगी। साथ ही इससे ट्रेवल एजेंट पर यात्रियों की निर्भरता खत्म हो जाएगी

    नई दिल्ली। भारतीय रेलवे कैटरिंग एवं टूरिज्म कॉरपोरेशन [आईआरसीटीसी] ट्रेन के टिकटों की खरीद पर कैश ऑन डिलीवरी विकल्प मुहैया कराने की तैयारी कर रहा है। आईआरसीटीसी को उम्मीद है कि इससे टिकट खरीदी के दौरान आने वाली ट्रांजेक्शन फेल जैसी समस्याओं से मुक्ति मिल जाएगी। साथ ही इससे ट्रेवल एजेंट पर यात्रियों की निर्भरता खत्म हो जाएगी।

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    एक अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक इसके लिए आईआरसीटीसी, बुकमाय ट्रेन डॉट कॉम वेबसाइट से साझेदारी करने वाली है। कैश ऑन डिलीवरी प्रोजेक्ट से जुड़े सूत्रों के अनुसार अगले चार से छह सप्ताह के भीतर यह सुविधा शुरू कर दी जाएगी। प्रायोगिक तौर पर इस सुविधा को सबसे पहले देश के 100 शहरों में शुरू किया जाएगा।

    आईआरसीटीसी डॉट कॉम देश में ऑनलाइन रेलवे टिकट की सर्वाधिक बिक्री करने वाला पोर्टल है। सूत्रों के अनुसार ट्रेन टिकट बुक करने वाले मौजूदा ऑनलाइन पोर्टल मेकमायट्रिप, यात्रा और क्लियरट्रिप, कैश ऑन डिलीवरी की सुविधा नहीं दे सकेंगे।

    आईआरसीटीसी के अधिकारी ने नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर बताया कि कैश ऑन डिलीवरी सुविधा देने के लिए उन्होंने सभी जरूरी तकनीकी कार्यो को पूरा कर लिया है। उन्होंने बताया कि बुकमायट्रेन डॉट कॉम को टिकटों की डिलीवरी, कैश मैनेजमेंट और बुकिंग निरस्तीकरण का कार्य सौंपा गया है।

    छोटे शहर के यात्रियों को होगा फायदा

    ई-कॉमर्स विशेषज्ञों का कहना है कि रेलवे की इस सुविधा से दूसरी और तीसरी श्रेणी के शहर से यात्रा करने वाले रेल यात्रियों को सर्वाधिक लाभ होगा। इन शहरों की आबादी इंटरनेट बैंकिंग तथा डेबिट व क्रेडिट कार्ड जैसे माध्यमों का उपयोग सबसे कम करती है।

    मौजूदा चलन

    आईआरसीटीसी की एक आधिकारिक रिपोर्ट के अनुसार वर्तमान में 42 प्रतिशत उपभोक्ता इंटरनेट बैंकिंग का उपयोग करने ई-टिकट खरीदते हैं। वहीं क्रेडिट, डेबिट और कैश कार्ड से खरीदारी करने वालों की संख्या केवल 24 प्रतिशत है। शेष उपभोक्ता वे हैं, जो आरक्षण केंद्र तथा ट्रैवल एजेंट के जरिए टिकट बुक करवाते हैं।

    ऑनलाइन भुगतान का नुकसान

    आईआरसीटीसी के मुताबिक मार्च 2014 तक इंटरनेट स्पीड तथा अन्य तकनीकी खामियों की वजह से 30 प्रतिशत टिकट बुकिंग में ट्रांजेक्शन फेल हुए थे, लेकिन कैश ऑन डिलीवरी सुविधा शुरू होने से इस आंकड़े में निश्चित रूप से कमी आएगी।

    कैश ऑन डिलीवरी का लाभ

    इस सुविधा के शुरू होने से यात्रियों को ऑनलाइन टिकट बुक करते समय उसके शुल्क का भुगतान नहीं करना होगा। बल्कि टिकट की डिलीवरी घर पर की जाएगी और उसी समय नगद शुल्क लिया जाएगा।

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