कांधला राहत शिविर भी खाली कराया
शामली, जागरण संवाददाता। जिला प्रशासन ने गुरुवार को शिविर खाली कराने का अभियान चलाया। इसके तहत कांधला और शामली में शिविर खाली कराने को अफसर पहुंचे। कांधला में राहत शिविर खाली करा लिया गया, लेकिन शामली के मलकपुर और तिमरशाह शिविर के विस्थापितों ने विरोध जताते हुए खाली करने से साफ इन्कार कर दिया। कांधला

शामली, जागरण संवाददाता। जिला प्रशासन ने गुरुवार को शिविर खाली कराने का अभियान चलाया। इसके तहत कांधला और शामली में शिविर खाली कराने को अफसर पहुंचे। कांधला में राहत शिविर खाली करा लिया गया, लेकिन शामली के मलकपुर और तिमरशाह शिविर के विस्थापितों ने विरोध जताते हुए खाली करने से साफ इन्कार कर दिया।
कांधला के ईदगाह में बने राहत शिविर को गुरुवार को डीएम और एसपी की मौजूदगी में खाली कर दिया गया। पिछले वर्ष सात सितंबर को मुजफ्फरनगर और शामली में हुए सांप्रदायिक दंगों के बाद गांव छोड़कर हजारों विस्थापितों ने इस राहत शिविर में शरण ली थी। मामला शांत होने और मुआवजा मिलने के बाद कई लोगों ने शिविर खाली कर दिया था। पर मुआवजा मिलने की आस में अभी भी 267 लोग यहां रह रहे थे। राहत शिविर को खाली करने के बाद कुछ विस्थापित क्षेत्र के गांव अंबेहटा और कस्बे के इदरीश बेग विहार कॉलोनी में झोपड़ी डाल ली है। विस्थापितों को शिविर संचालक जावेद हसन ने 15 दिनों का राशन देकर उन्हें घरों को भेजा।
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अफसरों का विरोधशामली में दिल्ली रोड स्थित तिमरशाह शिविर में एसडीएम आरएन शर्मा व तहसीलदार मुहम्मद इस्लाम शिविर खाली कराने पहुंचे। एसडीएम ने विस्थापितों से शिविर खाली करने का आग्रह किया, लेकिन विस्थापितों ने साफ मना कर दिया। एसडीएम के शासनादेश का हवाला देकर हर हाल में शिविर खाली कराने की बात कहने पर विस्थापित महिलाओं ने दो टूक कह दिया कि मुआवजा मिलने तक वे शिविर खाली नहीं करेंगे। वे सरकारी जमीन पर नहीं, मदरसे में रह रहे हैं। यहां प्रशासन का कोई दखल नहीं होना चाहिए। हंगामा बढ़ता देख एसडीएम व तहसीलदार लौट गए। शिविर खाली कराने मलकपुर पहुंचे एसडीएम शामली आरएन शर्मा को यहां भी विरोध का सामना करना पड़ा। मलकपुर कैंप में करीब साढ़े चार हजार विस्थापित शरण लिए हुए हैं। यहां भी विस्थापितों ने लौटने से इन्कार कर दिया और हंगामा किया। माहौल गरमाता देख एसडीएम लौट गए। शिविर संचालक हाजी दिलशाद का कहना है कि एसडीएम ने अभद्रता की थी, जिसका विरोध किया गया।
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