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    प्रवासी भारतीय हमेशा से हमारे अपने हैं: सुषमा

    By Rajesh NiranjanEdited By:
    Updated: Wed, 07 Jan 2015 12:39 PM (IST)

    गुजरात के गांधीनगर में प्रवासी भारतीय दिवस सम्‍मेलन के 13वें संस्‍करण की शुरुआत हो गई है। कार्यक्रम का उद्घाटन विदेश मंत्री सुषमा स्‍वराज ने किया। इस ...और पढ़ें

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    अहमदाबाद। गुजरात के गांधीनगर में प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन के 13वें संस्करण की शुरुआत हो गई है। कार्यक्रम का उद्घाटन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने किया। इस अवसर पर प्रवासी भारतीयों को संबोधित करते हुए सुषमा स्वराज ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किया गया स्वच्छ भारत अभियान अब एक जन आंदोलन बन गया है। सुषमा स्वराज ने कहा कि आप हमारे अपने हैं, आपको भी हम में से एक माना जाएगा। उन्होंने कहा कि आप आयें, संपर्क बढ़ाएं और देश के विकास में अपना योगदान दें।

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    इस बार के प्रवासी दिवस समारोह में मोदी सरकार के महत्वाकांक्षी कार्यक्रम ‘मेक इन इंडिया’ के अलावा ‘स्वच्छ भारत, नमामि गंगे, स्किल डेवलपमेंट, स्मार्ट सिटी’ जैसी सरकार की फ्लैगशिप परियोजनाओं के प्रचार पर जोर रहेगा।

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आठ जनवरी को इस आयोजन में हिस्सा लेंगे, जबकि नौ जनवरी को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी समारोह को संबोधित करेंगे। सम्मेलन में 58 से अधिक देशों के एनआरआइ के भाग लेने की उम्मीद है। अरब सागर में आतंकियों द्वारा नौका सहित खुद को उड़ा लेने की घटना के मद्देनजर सम्मेलन की सुरक्षा व्यवस्था और कड़ी कर दी गई है।

    महात्मा गांधी के दक्षिण अफ्रीका से स्वदेश वापसी के सौ साल पूरे होने को समर्पित 13वां प्रवासी दिवस समारोह ‘भारत को जानो, भारत को मानो’ पर केंद्रित है। इसमें भारत की प्राचीन समृद्ध सांस्कृतिक विरासत की गौरव गाथा के साथ आधुनिक भारत की उपलब्धियों को भी दर्शाया जाएगा। इस साल के प्रवासी भारतीय दिवस की मेजबानी गांधीजी की जन्मभूमि वाले गुजरात राज्य को ही मिली है। सौ साला समारोह के लिए खास लोगो भी तैयार किया गया है।

    क्या है आयोजन के उद्देश्य
    1. प्रवासी भारतीयों की भारत के प्रति सोच, उनकी भावनाओं की अभिव्यक्ति के साथ उनकी अपने देशवासियों के साथ सकारात्मक बातचीत के लिए एक मंच उपलब्ध कराना।

    2. भारतवासियों को प्रवासी बंधुओं की उपलब्धियों के बारे में बताना तथा प्रवासियों को देशवासियों की उनसे अपेक्षाओं से अवगत कराना।

    3. विश्व के 110 देशों में प्रवासी भारतीयों का एक नेटवर्क बनाना।

    4. भारत के दूसरे देशों से बनने वाले मधुर संबंध में प्रवासियों की भूमिका के बारे में आम जनता को बताना।

    5. भारत की युवा पीढ़ी को प्रवासी भाइयों से जोडऩा।

    6. भारतीय श्रमजीवियों को विदेश में कैसी कठिनाइयों का सामना करना होता है, के बारे में विचार-विमर्श करना।

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