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    कर्ज नहीं चुकाने पर किसानों की संपत्ति कुर्क, अमीरों को छूट क्योंः SC

    By Sanjeev TiwariEdited By:
    Updated: Wed, 13 Apr 2016 08:14 AM (IST)

    सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कर्ज वसूली मामले में रिजर्व बैंक और देश के 10 राज्यों में सूखे को लेकर केंद्र व राज्य सरकारों को क़़डी फटकार लगाई।

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कर्ज वसूली मामले में रिजर्व बैंक और देश के 10 राज्यों में सूखे को लेकर केंद्र व राज्य सरकारों को क़़डी फटकार लगाई। सबसे क़़डवी टिप्पणी कर्ज नहीं चुकाने वालों के नाम उजागर नहीं करने के रिजर्व बैंक के आग्रह पर की।

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    कोर्ट ने कहा-'हजारों करोड़ की संपत्ति वाले बैंकों से ब़़डे-ब़़डे कर्ज लेते हैं। फिर खुद को दीवालिया घोषित कर देते हैं। बैंक कर्ज के पुनर्गठन में लग जाते हैं। वहीं गरीब किसान जो 15-20 हजार का कर्ज लेता है और चुका न पाने पर उसकी संपत्ति जब्त कर ली जाती है।' सुप्रीम कोर्ट बैंकों के ब़़ढते एनपीए पर सुनवाई कर रही है। पिछली सुनवाई ने रिजर्व बैंक ने उन डिफॉल्टरों की सूची सौंपी थी, जिसमें 500 करोड़ से ब़़डे बकायादारों के नाम थे। लेकिन नाम उजागर नहीं करने का आग्रह किया था। मंगलवार को सुनवाई में प्रधान न्यायाधीश टीएस ठाकुर व जस्टिस आर. बानुमति की पीठ ने रिजर्व बैंक से पूछा-'बकायादारों से कर्ज वसूलने के क्या कदम उठा रहे हैं? उनके नामों खुलासा करने में क्या दिक्कत है? यह गोपनीयता है तो लाखों करोड़ के एनपीए (फंसे कर्ज) का क्या होगा? नाम भले उजागर न करें, लेकिन एनपीए की कुल राशि तो उजागर की जाती है, इसमें क्या हर्ज है।

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    26 अप्रैल को होगी अगली सुनवाई

    इन सख्त टिप्पणियों पर रिजर्व बैंक ने कहा कि कर्ज के मामलों में गोपनीयता का प्रावधान होता है। जवाब से असंतुष्ट कोर्ट ने वित्त मंत्रालय व आईबीए को भी पार्टी बनाकर 26 अप्रैल को इस पर अगली सुनवाई तय की।

    सूखे पर केंद्र व हरियाणा को खरी-खरी

    सुप्रीम कोर्ट की एक अन्य पीठ के जज एमबी लोकुर व एनवी वर्मा की पीठ ने 10 राज्यों में सूखे की भयावह स्थिति पर सुनवाई की। केंद्र से कहा-'क्या सूखाग्रस्त क्षेत्र घोषित करने का एकमात्र यही तरीका है कि लोग कोर्ट आएं और वह सूखाग्रस्त घोषित करने का आदेश जारी करे? सूखा घोषित करने का काम राज्य सरकार का है?' बताएं कितने राज्यों के कितने जिले व गांव व लोग सूखे से प्रभावित हैं? हालात से निपटने के लिए मनरेगा व अन्य योजनाओं में कितना पैसा जारी किया गया? इसी बीच हरियाणा सरकार के वकील ने सूखे पर नया हलफनामा पेश करने की कोशिश तो कोर्ट ने फटकारा-'यहां कोई मजाक या तमाशा चल रहा है? क्या यही आपकी गंभीरता है? आप जैसा चाहें, हम वैसी प्रक्रिया अपनाएं? नया हलफनामा क्यों स्वीकार करें? उल्लेखनीय है कि हरियाणा सरकार ने पहले 2013-14 के आंक़़डे दे दिए थे अब वह 2014-15 के पेश करना चाहती है। कोर्ट ने फिलहाल इजाजत नहीं देते हुए 19 अप्रैल को अगली सुनवाई तय की।

    एयर इंडिया को भी झि़डकी

    सुप्रीम कोर्ट ने एयर इंडिया व केंद्र को दिल्ली-चंडीग़़ढ-शिमला फ्लाइट शुरू नहीं होने पर भी झि़डका। पूछा कि निजी एयर लाइनों को दिल्ली-मुंबई जैसे आकर्षक रूट पर उ़़डानों के लिए लाइसेंस देने में दरियादिली दिखाई जा रही है। ये कम शिमला व उत्तर-पूर्व जैसे कम आकर्षक रूटों पर भी उ़़डानें क्यों नहीं चलातीं?

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