पार्टियों के चंदे को आरटीआइ दायरे में लाने के पक्ष में पार्रिकर
गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पार्रिकर राजनीतिक दलों को मिलने वाले चंदे को सूचना का अधिकार [आरटीआइ] के दायरे में लाने के पक्ष में हैं। जब सभी पार्टियां आरटीआइ दायरे में आने से साफ इन्कार कर चुकी हों, ऐसे में भाजपा नेता का यह बयान काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
पणजी। गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पार्रिकर राजनीतिक दलों को मिलने वाले चंदे को सूचना का अधिकार [आरटीआइ] के दायरे में लाने के पक्ष में हैं। जब सभी पार्टियां आरटीआइ दायरे में आने से साफ इन्कार कर चुकी हों, ऐसे में भाजपा नेता का यह बयान काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
एक अंग्रेजी समाचार चैनल की परिचर्चा में हिस्सा लेते हुए गोवा के मुख्यमंत्री ने कहा कि वह इस बात का समर्थन करते हैं कि पार्टियों को मिलने वाले चंदे की जानकारी आरटीआइ के तहत उपलब्ध कराई जानी चाहिए, लेकिन वह पक्ष में नहीं हैं कि पार्टी के अंदरूनी मामलों की जानकारी भी इसके तहत सार्वजनिक की जाए। पार्रिकर ने आम आदमी पार्टी [आप] के नेता अरविंद केजरीवाल के उस बयान पर टिप्पणी करने से इन्कार दिया जिसमें केजरीवाल ने भाजपा से नरेंद्र मोदी की रैलियों का खर्च उठाने वाले लोगों के नाम उजागर करने की मांग की थी।
पार्रिकर ने पत्रकारों की समझ पर उठाए सवाल
पिछले साल पार्रिकर ने कहा था कि गुजरात दंगा मोदी के राजनीतिक करियर पर एक दाग है। जब पार्रिकर से पूछा गया कि मोदी ने उन दंगों के लिए अब तक माफी नहीं मांगी है, इस पर उन्होंने कहा कि इस बारे में आपको मोदी से ही पूछना चाहिए। उन्होंने कहा कि मोदी एक कुशल प्रशासक हैं। दंगों को 12 वर्ष बीत चुके हैं और गुजरात में कानून व्यवस्था की हालत ठीक है।
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