एशिया की सबसे लंबी टनल का उद्घाटन, पीएम बोले- पत्थर की ताकत समझें नौजवान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू-श्रीनगर हाईवे पर एशिया की सबसे लंबी चनैनी-नाशरी टनल का उद्घाटन किया।
जम्मू, (जेएनएन)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को जम्मू-श्रीनगर हाईवे पर एशिया की सबसे लंबी चनैनी-नाशरी टनल का उद्घाटन किया। इस मौके पर उनके साथ राज्यपाल एनएन वोहरा और मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती मौजूद रहीं। उद्घाटन के बाद मोदी ने इस सुरंग का जायजा भी लिया। उन्होंने राज्यपाल और सीएम के साथ एक खुली जीप में सफर भी किया।
मोदी ने इसके बाद ऊधमपुर के बट्टल बालियां में एक जनसभा को संबोधित भी किया। मोदी ने कहा कि ये सुरंग जम्मू-कश्मीर के लिए विकास में लंबी छलांग है। पीएम ने कहा कि इस सुरंग में जम्मू-कश्मीर के युवाओं के पसीने की महक है। इस सुरंग की चर्चा पूरे विश्व में होगी।
पीएम ने इस दौरान सेना पर पत्थरबाजी करने वाले कश्मीरी युवकों पर निशाना भी साधा। उन्होंने कहा कि कश्मीरी नौजवानों को पत्थर की ताकत को समझना चाहिए। कुछ नौजवान जवानों को पत्थर मारने में लगे हैं वहीं कुछ पत्थर काटकर राज्य के विकास में लगे हैं।
सुरक्षा के कड़े इंतजाम#WATCH live from J&K: PM Narendra Modi inaugurates Chenani-Nashri tunnel https://t.co/FSArUJETin— ANI (@ANI_news) April 2, 2017
प्रधानमंत्री के करीब साढ़े तीन घंटे के दौरे को लेकर राज्यभर में सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए हैं। जम्मू-ऊधमपुर हाईवे के अलावा अंतरराष्ट्रीय सीमा व नियंत्रण रेखा पर भी अलर्ट किया गया है। जम्मू कश्मीर पुलिस के साथ सीआरपीएफ व अन्य अर्धसैनिक बलों के जवानों को भी तैनात किया गया है। विशेष नाके लगाने के साथ प्रधानमंत्री की मौजूदगी के दौरान सेना व वायुसेना भी सुरक्षा सुनिश्चत करेगी। प्रधानमंत्री के दौरे के दौरान कई स्थानों पर हाई डेफीनेशन सीसीटीवी कैमरे लोगों पर नजर रखेंगे।
प्रधानमंत्री के दौरे को लेकर शनिवार को दिन भर बैठकों का दौर जारी रहा। जम्मू कश्मीर पुलिस के महानिदेशक डॉ. एसपी वैद ने अधिकारियों के साथ बैठक कर सुरक्षा तैयारियों का जायजा लिया। ऊधमपुर में डेरा डाले बैठी एसपीजी की टीमों ने तैयारियों को अंतिम रूप देते हुए उन सब इलाकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जहां से प्रधानमंत्री को गुजरना है।
टनल की विशेषता
- टनल की कुल लंबाई नौ किलोमीटर है, जो कि एशिया में सबसे लंबा टनल है।
- अगर कोई दुर्घटना होती है तो टनल के साथ एस्केप टनल बनाया गया है। इस टनल से ही यात्रियों को बाहर निकला जाएगा।
- टनल में आयल टैंकर या फिर गैस टैंकर को चलने की इजाजत नहीं होगी।
- टनल के बीच एसओएस बनाए गए हैं। इनमें कोई भी समस्या आने पर यात्री तुरंत यहां बटन दबाकर कंट्रोल रूम को सूचित कर सकता है।
- टनल पूरी तरह से मानव रहित होगा और इसका पूरा संचालन कंट्रोल रूम से होगा।
- पर्यावरण को विशेष ध्यान रखा गया है। टनल के बाहर केवल स्वच्छ हवा ही जाएगी ताकि पर्यावरण प्रदूषित न हो।
- टनल के आने और जाने का एक ही रास्ता है।
- बारह हजार टन स्टील और पैंसठ लाख सीमेंट की बोरियां इस्तेमाल हुई हैं।
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