नहीं बनाएंगे जोड़-तोड़ की सरकार: महबूबा मुफ्ती
जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव के परिणाम अब पूरी तरह से साफ हो चुके हैं। राज्य में पीडीपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है, वहीं भाजपा दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर सामने आई है। सत्तारूढ़ नेशनल कांफ्रेंस तीसरे और कांग्रेस चौथे नंबर पर है। चुनाव के सभी परिणाम सामने आने
जम्मू। जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव के परिणाम अब पूरी तरह से साफ हो चुके हैं। राज्य में पीडीपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है, वहीं भाजपा दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर सामने आई है। सत्तारूढ़ नेशनल कांफ्रेंस तीसरे और कांग्रेस चौथे नंबर पर है। चुनाव के सभी परिणाम सामने आने के बाद सत्तारूढ़ पार्टी ने अपनी हार स्वीकार करते हुए आगामी छह वर्षों के लिए अपनी भूमिका तय करने की बात कही है। वहीं पीडीपी की नेता महबूबा मुफ्ती ने कहा है कि वह जोड़-तोड़ से सरकार नहीं बनाएंगी।
अपनी जीत से उत्साहित पीडीपी की नेता महबूबा मुफ्ती ने राज्य की जनता को उनकी पार्टी को जीत दिलाने के लिए बधाई दी है। उन्होंने जनता को राज्य में सबसे बड़ी पार्टी चुनने के लिए भी बधाई दी है। हालांकि उन्होंने कहा कि वह सरकार बनाने की जल्दी में नहीं हैं, अभी वह देख रही हैं।
राज्य में किसी पार्टी को स्पष्ट जनादेश नहीं मिलने से राज्य में त्रिशंकु विधानसभा बन गई है। सोनवर सीट से हार का स्वाद चखने वाले और फिर दोबारा मतगणना के दम पर बीरवाह से जीत दर्ज करने वाले राज्य के सीएम उमर अब्दुल्ला ने कहा है कि वह जानते थे कि सोनवार सीट से जीतना उनके लिए काफी मुश्किल होगा। भाजपा और पीडीपी को मिली बढ़त पर उन्होंने कहा कि दोनों ही पार्टियों को राज्य की जनता ने बड़ी पार्टी के तौर पर चुना है, लिहाजा उनकी यह जिम्मेदारी है कि वह आगे बढ़कर सरकार का गठन करें। उन्होंने कहा कि पीडीपी और भाजपा दोनों ही पार्टियां फिलहाल राज्य में अपने बूते सरकार नहीं बना सकती हैं।
उन्होंने कहा कि वह जनता के दिए निर्णय को स्वीकार करते हैं। वह अगले छह वर्षों के लिए अपनी भूमिका तय करेंगे। यह पूछने पर कि उनकी हार की वजह कहीं कांग्रेस तो नहीं, उनका कहना था कि कांग्रेस न तो उनके लिए प्रतिद्वंदी थी और न ही दोस्त की भूमिका में थी। सरकार गठन को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि उन्हें अभी तक कोई ऑफर नहीं मिला है, न ही वह इसकी उम्मीद कर रहे हैं। उन्होंने माना कि राज्य में सत्ता विरोधी लहर थी जिसका नुकसान नेशनल कांफ्रेंस को उठाना पड़ा।
विधानसभा में कुल 87 सीटें हैं। सरकार बनाने के लिए 44 सीटों की दरकार है। विधानसभा की मौजूदा स्थिति को देखते हुए राज्य में सरकार गठन की चार संभावनाएं दिखाई दे रही हैं।
पहली संभावना:
भाजपा व पीडीपी मिलकर सरकार बनाएं
भाजपा - 25
पीडीपी - 28 (दोनों मिलकर आसानी से सरकार बना सकती हैं।)
दूसरी संभावना:
विकल्प : 2
भाजपा, नेकां व पीपुल कांफ्रेंस मिलकर सरकार बनाएं
भाजपा - 25
नेशनल कांफ्रेंस - 15
पीपुल कांफ्रेंस - 2
लेकिन इस स्थिति में दो सीटों की कमी रह जाती है। इसे वह निर्दलीय जीते विधायकों को सरकार में शामिल कर पूरी कर सकते हैं।
तीसरी संभावना :
पीडीपी व नेशनल कांफ्रेंस सरकार बनाएं
पीडीपी - 28
नेशनल कांफ्रेंस - 15
ऐसे में एक सीट की कमी को वह निर्दलीय से पूरा कर सकते हैं।
चौथी संभावना:
पीडीपी, कांग्रेस व नेशनल कांफ्रेंस सरकार बनाएं
पीडीपी - 28
नेशलन कांफ्रेंस - 15
कांग्रेस - 12
इससे जरूरी 44 सीटों का आंकड़ा आसानी से पूरा हो जाएगा, लेकिन सूबे की राजनीति में पीडीपी और नेकां दोनों एक-दूसरे की धुर विरोधी रही हैं, इसलिए उनके साथ आने की संभावना कम ही है।
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