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    पटना: भटकल के साथी आतंकियों ने किए सीरियल ब्लास्ट

    By Edited By:
    Updated: Mon, 28 Oct 2013 10:39 AM (IST)

    गांधी मैदान की रैली आतंकियों के निशाने पर थी। अगर पटना जंक्शन के शौचालय में विस्फोट न हुआ होता, तो गांधी मैदान में सीरियल ब्लास्ट में मरने वालों की संख्या सैकड़ों में पहुंच जाती। इस सीरियल बम ब्लास्ट को चार लोगों ने मिलकर अंजाम दिया था। इस घटना को अंजाम देने के लिए पिछले तीन माह से आतंकी संगठन

    चंद्रशेखर, पटना। गांधी मैदान की रैली आतंकियों के निशाने पर थी। अगर पटना जंक्शन के शौचालय में विस्फोट न हुआ होता, तो गांधी मैदान में सीरियल ब्लास्ट में मरने वालों की संख्या सैकड़ों में पहुंच जाती। इस सीरियल बम ब्लास्ट को चार लोगों ने मिलकर अंजाम दिया था। इस घटना को अंजाम देने के लिए पिछले तीन माह से आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिदीन का एक प्रमुख आतंकी बिहार में कैंप किए हुए था। वह आतंकी और कोई नहीं भटकल का दायां हाथ पाकिस्तानी वकास है, जो भटकल के साथ ही दरभंगा में शरण लिए हुए था। एनआइए को शक है कि वकास व उसके साथी विस्फोट के बाद पटना में ही कहीं छिपे हुए हैं।

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    पढ़ें: इम्तियाज के घर से मिला बम बनाने का जखीरा

    सूत्रों के मुताबिक गिरफ्तार इम्तियाज ने एनआइए व बिहार पुलिस के अधिकारियों को कई अहम जानकारियां दी हैं। बोधगया ब्लास्ट के बाद से ही एनआइए की टीम भटकल व वकास के पीछे लग गई थी। भटकल तो गिरफ्तार कर लिया गया, परंतु वकास भागने में सफल रहा। भटकल की गिरफ्तारी के बाद वकास ने अकेले ही अपने बूते इस घटना को अंजाम देने की साजिश रची।

    रांची से पहुंचा मीठापुर बस स्टैंड : रविवार को इम्तियाज रांची से एक वातानुकूलित बस से मीठापुर बस स्टैंड आया। यहां आकर उसने वकास से संपर्क किया। इसी दौरान उसने जंक्शन पर रेकी की। कहां कितने पुलिसकर्मी तैनात हैं? इसका जायजा लिया। इसके बाद उसने साथ लाए बम को जोड़ने के लिए सबसे सुरक्षित स्थान करबिगहिया के शौचालय को चुना।

    इम्तियाज व उसके साथी ने शौचालय में काफी तेज गति से प्रवेश किया और दरवाजा बंद कर लिया। उसी वक्त एक और व्यक्ति अंदर प्रवेश कर रहा था, जिसे उसने धक्का दे दिया था। दोनों के अंदर जाते ही वह दरवाजे पर खड़ा हो गया। थोड़े देर बाद ही जबरदस्त ब्लास्ट हुआ। इसी ब्लास्ट में बम प्लांट करने वाला एक आतंकी घायल हुआ।

    तीसरा व्यक्ति दौड़ते हुए बाहर की ओर भागा। तब तक कई पुलिसकर्मी शौचालय की ओर दौड़े। एक पुलिसकर्मी ने भाग रहे तीसरे व्यक्ति को पकड़ लिया। उसने दो लोगों के शौचालय में बंद होने की जानकारी दी। ब्लास्ट के बाद कई अधिकारी मौके पर पहुंच गए और शौचालय के अंदर ही इम्तियाज को दबोच लिया।

    गांधी मैदान में बम प्लांट करने में जुटा था वकास :

    देर शाम पहुंची एनआइए की टीम ने काफी देर तक इम्तियाज से पूछताछ की। जख्मी आतंकी की जेब से रांची से पटना का बस टिकट मिला।

    इधर, वकास अपने नजदीकी समस्तीपुर निवासी तहसीन अख्तर उर्फ मोनू व एक अन्य स्थानीय साथी की मदद से गांधी मैदान व आसपास के क्षेत्र में बम प्लांट करने में जुटा था। शुरुआती ब्लास्ट के बाद अगर सब सतर्क न हो जाते, तो जाहिर तौर पर नुकसान ज्यादा होता।

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