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    आतंकवाद के मुद्दे पर 'हार्ट ऑफ एशिया सम्मेलन' में पाक को घेरने की तैयारी

    By Rajesh KumarEdited By:
    Updated: Thu, 01 Dec 2016 10:01 AM (IST)

    अफगानिस्तान के पुनर्गठन और उसे मदद पहुंचाने के उद्देश्य से दुनिया के 40 प्रमुख देशों की बैठक बुलाई गई है।

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    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली : संयुक्त राष्ट्र, सार्क, ब्रिक्स, बिम्सटेक के बाद अब हार्ट ऑफ एशिया सम्मेलन में पाकिस्तान घेरे में होगा। भारत आतंकियों को मदद पहुंचाने की उसकी साजिश को दुनिया के सामने लाएगा। शनिवार से अमृतसर में शुरू हो रहे हार्ट ऑफ एशिया सम्मेलन में इस बात की मजबूत संभावना है कि घोषणापत्र में सीमा पार आतंक के खिलाफ एक सुर में निंदा प्रस्ताव हो।

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    अफगानिस्तान के पुनर्गठन और उसे मदद पहुंचाने के उद्देश्य से दुनिया के 40 प्रमुख देशों की बैठक बुलाई गई है। इसमें पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज करेंगे। अजीज के भारत आने की वजह से यह उम्मीद थी कि शायद मौजूदा तनाव भरे रिश्ते के बावजूद दोनों देशों के बीच बातचीत की कोई वजह निकल आए।

    लेकिन बुधवार को भारत ने साफ कर दिया कि उसकी रणनीति सीमा पार आतंकवाद को अपनी कूटनीति का हिस्सा बनाने वाले देशों के खिलाफ सख्ती की होगी। इस वजह से ही अफगानिस्तान में शांति लाने के प्रयास विफल हो रहे हैं। अफगानिस्तान ने भी भारत के सुर में सुर मिलाया है। ऐसे में इस बात की मजबूत संभावना है कि हार्ट ऑफ एशिया बैठक के बाद जारी होने वाले अमृतसर घोषणापत्र में सीमा पार आतंक के खिलाफ एक सुर में निंदा प्रस्ताव पारित हो।

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    पाक से द्विपक्षीय वार्ता नहीं

    पाकिस्तान डेस्क को देखने वाले विदेश मंत्रालय के अधिकारी गोपाल बागले से जब पूछा गया कि क्या भारत-पाक के बीच द्विपक्षीय वार्ता संभव है तो उनका जवाब था कि पाकिस्तान से इस तरह की बातचीत का कोई प्रस्ताव नहीं मिला है। दो दिन पहले ही अजीज के हवाले से खबर आई थी कि बातचीत करने की गेंद उन्होंने भारत के पाले में डाल दी है। वैसे भी अजीज शायद आधे दिन के लिए ही भारत आ रहे हैं। ऐसे में द्विपक्षीय बातचीत की कोई सूरत नहीं बन रही है।

    सूत्रों के मुताबिक मंगलवार को नगरोटा में हुए आतंकी हमले के बाद जो भी संभावना थी वह अब खत्म हो गई है। सनद रहे कि ठीक एक वर्ष पहले हार्ट ऑफ एशिया के इस्लामाबाद बैठक में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और अजीज ने द्विपक्षीय वार्ता की नींव रखी थी। इसके बाद द्विपक्षीय सहयोग वार्ता शुरू करने की तैयारी भी हो गई थी। लेकिन पठानकोट हमले के बाद भारत और पाक के रिश्तों में लगातार गिरावट आती गई। इस समय नियंत्रण रेखा पर युद्ध जैसे हालात हैं।

    बहरहाल, पाकिस्तान और आतंक के साथ उसके गहरे रिश्तों को हार्ट ऑफ एशिया सम्मेलन में बेनकाब करने की भारत की कोशिशों को अफगानिस्तान की तरफ से सबसे ज्यादा समर्थन मिलने के आसार हैं। भारत में अफगानिस्तान के राजदूत डॉ. शाइदा अब्दाली ने बताया कि इस पूरे क्षेत्र में एक समग्र आतंकवाद रोधी फ्रेमवर्क बनाने की जरूरत है। अफगानिस्तान ने इसका प्रस्ताव तैयार भी कर लिया है जिसे सभी देशों के साथ साझा किया गया है। देखना होगा कि पाकिस्तान इसके लिए तैयार होता है या नहीं क्योंकि वह उलटा भारत और अफगानिस्तान पर ही उसके हितों को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाता है।

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    भारतीय दल की अगुवाई करेंगे जेटली

    हार्ट ऑफ एशिया सम्मेलन का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ घनी करेंगे। जबकि सम्मेलन का संचालन वित्त मंत्री अरुण जेटली और अफगानिस्तान के विदेश मंत्री सलाहुद्दीन रब्बानी करेंगे। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का स्वास्थ्य ठीक नहीं होने की वजह से जेटली को इसमें भारतीय दल की अगुआई करने के लिए नियुक्त किया गया है।