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जानिए, प्रधानमंत्री मोदी के अमेरिका दौरे ने क्यों उड़ा दी है पाकिस्तान की नींद

पाकिस्तान की मुख्य चिंता मोदी-ओबामा मुलाकात के दौरान परमाणु विमान वाहक पोत पर समझौते की संभावना को लेकर है।

By anand rajEdited By: Published: Tue, 07 Jun 2016 12:36 AM (IST)Updated: Tue, 07 Jun 2016 06:23 AM (IST)

नीलू रंजन, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा ने पाकिस्तान की बेचैनी बढ़ा दी है। मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के बीच मुलाकात के दौरान कई अहम रक्षा समझौते होने की उम्मीद है।

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अमेरिकी रक्षा सचिव एश्टन कार्टर दो दिन पहले ही भारत और अमेरिका के बीच ऐतिहासिक रक्षा सहयोग का दौर शुरू होने का एलान कर चुके हैं। ऐसे में पाकिस्तान को रक्षा तकनीक के मामले में हाशिये पर चले जाने का डर सताने लगा है।

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पाकिस्तान के सामरिक योजना प्रभाग (एसपीडी) के वरिष्ठ अधिकारियों के हवाले से वहां छप रही खबरों में मोदी की यात्रा के दौरान होने वाले रक्षा सौदों को लेकर बेचैनी साफ देखी जा सकती है। एसपीडी पाकिस्तान में परमाणु हथियारों को नियंत्रित करने वाले नेशनल कमांड अथॉरिटी के सचिवालय के रूप में काम करता है।

मोदी की यात्रा के दौरान अमेरिका मिसाइल टेक्नोलॉजी कंट्रोल रिजीम (एमटीसीआर) ग्रुप में भारत के शामिल करने पर घोषणा कर सकता है। एक बार इस ग्रुप में शामिल होने पर भारत को समूह के अन्य देशों के साथ मिसाइल की अत्याधुनिक तकनीक साझा करने का अवसर मिलेगा।

इससे भारत का अमेरिका से प्रीडेटर ड्रोन खरीदने का रास्ता भी खुल सकता है। इसी प्रीडेटर ड्रोन की मदद से अमेरिका तालिबान के बड़े-बड़े आतंकियों को मारने में सफल रहा है। अभी हाल ही बलूचिस्तान में इसी ड्रोन की मदद से अमेरिका ने तालिबान प्रमुख मुल्ला मंसूर को मार गिराया था।

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चिंता की मुख्य वजह

--पाकिस्तान की मुख्य चिंता मोदी-ओबामा मुलाकात के दौरान परमाणु विमान वाहक पोत पर समझौते की संभावना को लेकर है।
--यदि परमाणु विमान वाहक पर समझौता हो जाता है, तो भारत की मारक क्षमता कई सौ गुना बढ़ जाएगी।
--एक एयरक्राफ्ट कैरियर एक साथ सौ से अधिक लड़ाकू विमान लेकर चल सकता है।
--इस एयरक्राफ्ट कैरियर से परमाणु हथियार से लैस लड़ाकू विमान भी उड़ान भर सकते हैं।
--चीन के पास भी परमाणु विमान वाहक नहीं है। जाहिर है पाकिस्तान को इसे कहीं और से हासिल करने की उम्मीद भी नहीं है।

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एफ-16 और एफ-18 जैसे विमानों पर सहमति के आसार

मोदी-ओबामा की बातचीत में एफ-16 और एफ-18 जैसे अत्याधुनिक लड़ाकू विमान भारत में बनाने पर सहमति हो सकती है। इन विमानों को बनाने वाली कंपनियां भारत में उत्पादन शुरू करने को तैयार हैं। केवल अमेरिकी सरकार और कांग्र्रेस की मुहर लगने की जरूरत है। यदि ओबामा इसके लिए तैयार हो जाते हैं, तो यह रक्षा क्षेत्र में भारत की बहुत बड़ी उपलब्धि होगी।

मजेदार बात यह है कि पाकिस्तान यही एफ-16 विमान अमेरिका से हासिल करने की कोशिश कर रहा है। लेकिन उसे सफलता नहीं मिली। अब भारत में इस लड़ाकू विमान के निर्माण होने की बातों ने उसकी नींद उड़ा दी है।

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