भारत सरकार की सख्ती से झुका पाक
सीमा पर भारतीय जवानों की गोली और सरकार की सख्त बोली का असर है कि बीते 36 घंटे में गोलीबारी की कोई बड़ी घटना नहीं हुई है। हालांकि कड़े रुख पर कायम भारत ने दो-टूक कह दिया है कि तनाव घटाना या बढ़ाना पाकिस्तानी रवैये पर निर्भर है। भारत उसी शैली में जवाब देगा जैसा कदम पड़ोस से उठेगा। इस बीच पाकिस्तान
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। सीमा पर भारतीय जवानों की गोली और सरकार की सख्त बोली का असर है कि बीते 36 घंटे में गोलीबारी की कोई बड़ी घटना नहीं हुई है। हालांकि कड़े रुख पर कायम भारत ने दो-टूक कह दिया है कि तनाव घटाना या बढ़ाना पाकिस्तानी रवैये पर निर्भर है। भारत उसी शैली में जवाब देगा जैसा कदम पड़ोस से उठेगा। इस बीच पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने अकड़ के दिखावे के बीच झुकने के संकेत जरूर दिए हैं। भारत ने भी कहा है कि न तो वह भय में बात करेगा और न उसे बातचीत का कोई भय है।
इससे पहले रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने पाकिस्तानी कार्रवाई को हमलावर करार देते हुए कहा था कि भारत अपनी जमीन की हिफाजत भली-भांति कर सकता है। अगर पाकिस्तान अपने दुस्साहस से बाज नहीं आता तो उसे इसकी मंहगी कीमत चुकानी होगी।
सीमा पर गोलाबारी के लिए भारत पर तोहमत मढ़ रहे पाकिस्तान को नई दिल्ली ने उसके इतिहास का आइना भी दिखाया। विदेश मंत्रालय प्रवक्ता सैयद अकबरुद्दीन ने शुक्रवार को कहा कि आरोप की बातें उन लोगों की तरफ से आ रही हैं जिन्होंने एक दशक तक ओसामा बिन लादेन जैसे आतंकी को सैनिक छावनी में छुपाकर रखा। साथ ही पश्चिमी मुल्कों से आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई के नाम पर सैनिक और आर्थिक मदद हासिल करते रहे। महत्वपूर्ण है कि प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की अगुवाई में हुई राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की बैठक के दौरान सीमा पर अकारण गोलीबारी के आरोप उलटे भारत के माथे मढ़े गए।
इस बीच बीएसएफ प्रमुख डीके पाठक ने बताया कि बीते 24 घंटे से अधिक वक्त से गोलाबारी की कोई बड़ी घटना नहीं दर्ज की गई है। वहीं अंतरराष्ट्रीय सीमा पर तैनात बीएसएफ के मुखिया ने कहा कि उनके जवानों की तैयारी में कोई कमी नहीं है। यदि गोलाबारी होती है तो उसका जवाब मुकम्मल तरीके से दिया जाएगा। उन्होंने फिलहाल दोनों देशों के बीच किसी तरह की फ्लैग मीटिंग से भी इन्कार किया।
उधर, पाकिस्तान में प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की तीनों सेना प्रमुखों के साथ सीमा हालात पर बैठक के बाद पाक ने दिखावटी अकड़ के बीच ही झुकने के संकेत दिए हैं। बैठक के बाद शरीफ सरकार ने कहा कि पाक सीमा पर अमन चाहता है। नियंत्रण रेखा पर तनाव घटाने की उसकी कोशिशों को कमजोरी न माना जाए। बल्कि यह उसकी परिपक्वता और गंभीरता का नमूना है। पाक ने भारत से सीमा पर गोलाबारी रोकने की भी अपील की। पाक ने अमन की कोशिशों के लिए खुद की पीठ थपथपाने के साथ ही भारत पर उसका सही प्रतिसाद न देने का आरोप भी लगाया।
पाकिस्तान की ओर से आए बयानों पर तीखी प्रतिक्रिया में विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत की नई सरकार पाकिस्तान के साथ शांति वार्ता को लेकर हमेशा से गंभीर थी। कामकाज संभालने के साथ पहले ही दिन से उसने स्पष्ट कर दिया कि भारत बातचीत के लिए गंभीर है। लेकिन उसे बदले में क्या मिला? विदेश सचिवों की बातचीत से पहले मीडिया के आगे तमाशा हुआ। भारत के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय मंच से दुष्प्रचार और आतंकवाद लगातार जारी। इतना ही नहीं अब भारत के नागरिकों के खिलाफ सीमा पर हिंसा हो रही है। लिहाजा अब हम जैसे को तैसा की तर्ज पर जवाब देने के मूड में हैं। भारत ने स्पष्ट कर दिया कि सबसे पहले पाकिस्तान और उसके सुरक्षाबलों को अंतरराष्ट्रीय सीमा पर जारी दुस्साहस को रोकना चाहिए। सरहद पर अमन बहाल होना चाहिए, ताकि सीमावर्ती इलाकों में नागरिक अपने घरों को लौट सकें।
सांसदों ने की सराहना
सांसदों ने सीमा पार से हो रही फायरिंग पर पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए सरकार की सराहना की है।
गृह मंत्रालय से संबंधित संसदीय स्थायी समिति की बैठक में गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने पाकिस्तान की ओर से हो रही अकारण फायरिंग और भारत की ओर से दिए गए जवाब की विस्तृत रिपोर्ट पेश की थी।
हालांकि, सांसदों ने जम्मू-कश्मीर में बाढ़ के बाद राहत और पुनर्वास कार्यो की धीमी रफ्तार पर असंतोष जताया।
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