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उत्तर प्रदेश के आधे सांसद भाजपा के संपर्क में

उत्तर प्रदेश को केंद्र बिंदु बनाकर मिशन 2014 में उतरी भाजपा का उत्साह पार्टी कार्यकर्ता ही नहीं दूसरे दलों के नेताओं ने भी बढ़ा दिया है। अस्सी लोकसभा सीटों वाले राज्य के अड़तीस वर्तमान सांसद भाजपा के संपर्क में हैं और उसके टिकट पर चुनाव लड़ना चाहते हैं। वैसे भाजपा नेतृत्व ने लोकसभा चुनाव के लिए लगभग 50 फीसद

By Edited By: Published: Wed, 18 Sep 2013 06:03 AM (IST)Updated: Wed, 18 Sep 2013 10:13 AM (IST)

आशुतोष झा, नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश को केंद्र बिंदु बनाकर मिशन 2014 में उतरी भाजपा का उत्साह पार्टी कार्यकर्ता ही नहीं दूसरे दलों के नेताओं ने भी बढ़ा दिया है। अस्सी लोकसभा सीटों वाले राज्य के अड़तीस वर्तमान सांसद भाजपा के संपर्क में हैं और उसके टिकट पर चुनाव लड़ना चाहते हैं। वैसे भाजपा नेतृत्व ने लोकसभा चुनाव के लिए लगभग 50 फीसद सीटों पर अपने उम्मीदवार तय कर लिए हैं। वहीं, पार्टी के पीएम उम्मीदवार नरेंद्र मोदी अगले महीने से राज्य का सघन दौरा करेंगे। संभव है कि हर आठ-दस दिनों के अंतर पर मोदी राज्य के किसी न किसी हिस्से में मौजूद हों।

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प्रदर्शन जो भी हो, माहौल ने भाजपा के सिपहसालारों का जोश बढ़ा दिया है। खासकर मोदी के नाम की घोषणा ने हर दल के नेताओं को नई रणनीति पर विचार के लिए मजबूर कर दिया है। बीते दिनों सपा की टिकट ठुकराने वाले सोमपाल शास्त्री अकेले नहीं हैं। सूत्रों के अनुसार विभिन्न दलों के 38 सांसद भाजपा से संपर्क साधे हुए हैं। वह इस बार भाजपा से ही अपनी किस्मत आजमाना चाहते हैं। पार्टी की ओर से अभी किसी को ठोस आश्वासन नहीं दिया गया है, लेकिन हर समीकरण देखने के बाद मजबूत उम्मीदवारों पर वह दांव लगा सकती है। बताते हैं कि कई सीटों पर उम्मीदवारों के नाम तय हो गए हैं। नवंबर तक अधिकांश सीटों के प्रत्याशियों की घोषणा हो सकती है।

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इसी के साथ मोदी का अभियान भी अब तेजी पकड़ने वाला है। अक्टूबर से नवंबर तक आठ-नौ रैलियां कर पूरे प्रदेश को मथने की कोशिश होगी। टीम मोदी की योजना पर काम हुआ तो आगरा, बरेली, गोरखपुर, इलाहाबाद, बनारस, बहराइच, कानपुर, मुजफ्फरनगर के आसपास कई क्षेत्रों का दौरा होगा। दौरे का कार्यक्रम इस लिहाज से बनाया जा रहा है कि वह पूरे प्रदेश में अपनी उपस्थिति दर्ज करा सकें। शुरुआत कहां से होगी, यह फिलहाल तय नहीं है, लेकिन नवंबर तक मोदी अपने पहले चरण के चुनावी अभियान का समापन लखनऊ में करेंगे।

प्रदेश में राजनीतिक कील कांटे भी कसे जाने लगे हैं। यह ध्यान रखा जा रहा है कि किसी भी संसदीय क्षेत्र में आपसी खिंचाव वोट पर भारी न पड़े। मसलन कल्याण सिंह की मौजूदगी में लोध समुदाय से यह आश्वासन ले लिया गया है कि वह भाजपा के साथ है। तो नाई, मल्लाह, निषाद, वाल्मीकि जैसे समुदायों पर भी खास नजर रखी जा रही है।

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