सचिवों की नियुक्ति पर उमर ने मोदी सरकार को घेरा
जम्मू एवं कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने मंगलवार को केंद्रीय मंत्रियों के निजी स्टाफ की नियुक्ति पर लगी रोक को लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय [पीएओ] के इस कदम पर सवाल उठाया है। साथ हीं कहा कि मंत्रियों को सचिवों की नियुक्ति पर भरोसा करने की आवश्यक्ता है। उमर अब्दुल्ला ने माइक्रो ब्लागिंग साइट ट्वीटर पर लिखा ह
श्रीनगर। जम्मू एवं कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने मंगलवार को केंद्रीय मंत्रियों के निजी स्टाफ की नियुक्ति पर लगी रोक को लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय [पीएओ] के इस कदम पर सवाल उठाया है। साथ हीं कहा कि मंत्रियों को सचिवों की नियुक्ति पर भरोसा करने की आवश्यकता है।
उमर अब्दुल्ला ने माइक्रो ब्लागिंग साइट ट्वीटर पर लिखा है कि एक मजबूत प्रधानमंत्री कार्यालय होना अलग बात है, लेकिन एक मंत्री जब अपने निजी स्टाफ की नियुक्ति में भरोसा नहीं करता है तो वह अपने मंत्रालय को कैसे चलाएगा?
कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग ने 26 मई को सभी सचिवों को सकुर्लर भेजा था जिसमें कहा गया था कि निजी सचिव की नियुक्ति के लिए एसीसी की मंजूरी आवश्यक है। इसने कहा कि सभी मंत्रालयों और विभागों को सलाह दी जाती है कि मंत्रियों के निजी कर्मचारी में ओएसडी सहित सभी नियुक्तियों के लिए निर्धारित प्रक्रिया का कड़ाई से पालन सुनिश्चित किया जाए।
राजनाथ सिंह के मामले में निजी सचिव के लिए आलोक सिंह का नाम प्रस्तावित था जो 1995 बैच के आइपीएस अधिकारी हैं। उन्होंने पिछली संप्रग सरकार में विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद के साथ भी काम किया था।
कार्मिक विभाग की तरफ से जहां कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है वहीं सूत्रों ने कहा कि नई सरकार उन अधिकारियों के नाम को मंजूरी नहीं दे सकती है जिन्होंने पिछली सरकार में मंत्री के कर्मचारी के रूप में काम किया है।
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