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इसरो आज करेगा आइआरएनएसएस-1 डी का प्रक्षेपण

जल्‍द ही भारत की उपग्रह आधारित जीपीएस प्रणाली अमेरिका की जीपीएस प्रणाली के बराबर हो जाएगी। भारत का चौथा नेवीगेशन सेटेलाइट पीएसएलवी-सी27 का आइआरएनएसएस-1 डी आज शाम श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंन्द्र से आकाश में छोड़ा जाएगा। आइआरएनएसएस-1 डी का भार 1,425 किलोग्राम है और यह 1,500 किलोमीटर का

By Tilak RajEdited By: Published: Sat, 28 Mar 2015 08:52 AM (IST)Updated: Sat, 28 Mar 2015 02:15 PM (IST)

नई दिल्ली। जल्द ही भारत की उपग्रह आधारित जीपीएस प्रणाली अमेरिका की जीपीएस प्रणाली के बराबर हो जाएगी। भारत का चौथा नेवीगेशन सेटेलाइट पीएसएलवी-सी27 का आइआरएनएसएस-1 डी आज शाम श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंन्द्र से आकाश में छोड़ा जाएगा। आइआरएनएसएस-1 डी का भार 1,425 किलोग्राम है और यह 1,500 किलोमीटर का क्षेत्र कवर करेगा।

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वैज्ञानिक सी बी देवगन ने कहा, 'आइआरएनएसएस-1डी लॉन्च होने के बाद अब भारत के पास अपना जीपीएस सिस्टम होगा। जब आइआरएनएसएस-1डी शुरू हो जाएगा, तो हमारे पास हक होगा कि हम इससे मिलने वाले डाटा का इस्तेमाल सेना की मदद के लिए भी कर सकते हैं।'

भारत ने अपना पहला उपग्रह आइआरएनएसएस-1A जुलाई 2013 में शुरू किया गया था। इसके बाद अप्रैल 2014 में दूसरा आइआरएनएसएस-1बी और 16 अक्टूबर 2014 पर तीसरा उपग्रह लॉन्च किया गया था।

बता दें कि आइआरएनएसएस-1डी को पहले 9 मार्च को ही छोड़ा जाना था। लेकिन लॉन्च से पहले इसरो को 4 मार्च को पाया कि आइआरएनएसएस-1डी के एक टेलीमेटरी ट्रांसमीटर में खराबी है और वह सही तरीके से काम नहीं कर रहा है।

आपको बता दें कि नेवीगेशन सेटेलाइट पीएसएलवी-सी27 का आइआरएनएसएस-1डी की कामयाबी से ना केवल भारत उपग्रह आधारित जीपीएस प्रणाली की दिशा में एक कदम आगे बढ़ाएगा, बल्कि इस दिशा में अमेरिका की बराबरी भी कर लेगा। दरअसल, अब तक सिर्फ अमेरिका ही उपग्रह आधारित जीपीएस प्रणाली में सफल कदम बढ़ा सका है और ऐसा करके जीपीएस प्रणाली की दिशा में भारत अमेरीका की बराबरी कर लेगा।

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