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खुद का नेवीगेशन सिस्टम स्थापित करने के करीब भारत

भारत अपने चौथे नेवीगेशन सेटेलाइट 'आइआरएनएसएस-1डी' का प्रक्षेपण नौ मार्च को कर सकता है। इसके लिए तैयारियां जारी हैं। छह मार्च को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के प्रक्षेपण प्राधिकरण बोर्ड से इसकी इजाजत मिलने की उम्मीद है। यह जानकारी इसरो के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के निदेशक एमवाईएस प्रसाद

By Kamal VermaEdited By: Published: Mon, 02 Mar 2015 07:04 PM (IST)Updated: Mon, 02 Mar 2015 08:07 PM (IST)
खुद का नेवीगेशन सिस्टम स्थापित करने के करीब भारत

चेन्नई। भारत अपने चौथे नेवीगेशन सेटेलाइट 'आइआरएनएसएस-1डी' का प्रक्षेपण नौ मार्च को कर सकता है। इसके लिए तैयारियां जारी हैं। छह मार्च को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के प्रक्षेपण प्राधिकरण बोर्ड से इसकी इजाजत मिलने की उम्मीद है। यह जानकारी इसरो के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के निदेशक एमवाईएस प्रसाद ने दी।

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1425 किग्रा वजनी इस उपग्रह को पीएसएलवी-एक्सएल रॉकेट से प्रक्षेपित किया जाएगा। इस उपग्रह का प्रक्षेपण सफल होते ही भारत खुद का नेवीगेशन सिस्टम स्थापित करने के करीब पहुंच जाएगा। गौरतलब है कि भारतीय क्षेत्रीय नौवहन उपग्रह प्रणाली (आइआरएनएसएस) स्थापित करने के मकसद से इसरो ने 2015 तक सात उपग्रह प्रक्षेपित करने का लक्ष्य तय कर रखा है। इस कड़ी में पहले उपग्रह आइआरएनएसएस-1ए का जुलाई 2013, आइआरएनएसएस-1बी का अप्रैल 2014 और आइआरएनएसएस 1सी का अक्टूबर 2014 में प्रक्षेपण किया गया था।

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