नोटबंदी से बॉर्डर पर आतंकवादियों की फंडिंग पर पड़ा जबरदस्त असर
गृह राज्यमंत्री किरेन रिजिजू का कहना है कि जब से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी की घोषणा की है तब से तीन अंतरराष्ट्रीय सीमाओं पाकिस्तान, बांग्लादेश और नेपाल से नकली नोटों की तस्करी रुक गई है।
नई दिल्ली। सरकारी रिपोर्ट के अनुसार नोटबंदी के बाद हर साल आतंकवादियों की फंडिंग के लिए इस्तेमाल होने वाली 700-800 करोड़ की धनराशि में से सिर्फ 0.05 फीसदी ही अब सर्कुलेशन में बची है।
500-1000 के नोट बंद होने के बाद आतंकवादियों को होने वाली फंडिंग पर जबरदस्त असर पड़ा है। गृह राज्यमंत्री किरेन रिजिजू का कहना है कि जब से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी की घोषणा की है तब से तीन अंतरराष्ट्रीय सीमाओं पाकिस्तान, बांग्लादेश और नेपाल से नकली नोटों की तस्करी रुक गई है।
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उन्होंने आगे कहा, 'करीब 400 करोड़ तो हर समय सर्कुलेशन में रहते हैं और हर साल करीब 70 करोड़ रुपये की जाली करेंसी और सर्कुलेशन में डाली जाती है।' यह आंकड़ा भारतीय सांख्यिकी संस्थान के एक अध्ययन के बाद सामने आया है।
रिपोर्ट के अनुसार उत्तर-पूर्व में उग्रवादी हर साल 350-400 करोड़ और नक्सली 300-350 करोड़ रुपये अपनी विध्वंसक गतिविधियों के लिए इकट्ठा करते हैं। जबकि कश्मीरी अलगाववादी भी 20-30 करोड़ रुपये और जेहादी संगठन 5-10 करोड़ रुपये हर साल इकट्ठा करते हैं।
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