युद्धक विमान खरीदने में अब ज्यादा देर नहीं करेगी केन्द्र सरकार
फ्रांस से राफेल विमान खरीदने के मामले पर अगले कुछ दिनों में ही अंतिम फैसला होने जा रहा है। अमेरिका से एफ-16 युद्धक विमान खरीदने पर भी अधिकांश मुद्दों पर सहमति बन गई है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। देश की सुरक्षा के लिए बेहद जरूरी युद्धक विमान खरीदने की कवायद में जुटी केंद्र सरकार अब इस मसले को ज्यादा लटकाने के मूड में नहीं है। फ्रांस से राफेल विमान खरीदने के मामले पर अगले कुछ दिनों में ही अंतिम फैसला होने जा रहा है। अमेरिका से एफ-16 युद्धक विमान खरीदने पर भी अधिकांश मुद्दों पर सहमति बन गई है।
अब सिर्फ भारत सरकार को अंतिम फैसला लेना है। इसी तरह से स्वीडन की कंपनी साब से ग्रीपिन युद्धक विमान खरीदने को लेकर भी बातचीत इस महीने रक्षा मंत्री मनोहर पर्रीकर की यात्रा के दौरान निर्णायक रहेगी। जानकारों के मुताबिक केंद्र सरकार की पूरी मंशा एक से डेढ़ वर्ष के भीतर सौ से ज्यादा युद्धक विमानों की आपूर्ति का सिलसिला शुरू करने की है।
सूत्रों के मुताबिक आठ-नौ वर्षो के विचार-विमर्श के बाद अब युद्धक विमान खरीदने को लेकर स्थिति स्पष्ट होती जा रही है। यह तो पहले से ही तय था कि तीन दर्जन फ्रांसीसी राफेल फाइटर जेट खरीदे जाएंगे। फ्रांस की कंपनी इसको लेकर भारत की हर शर्त को मानने को तैयार थी। कुछ अड़चन कीमत को लेकर थी। इसको सुलझाने में एक वर्ष से ज्यादा का समय लग गया है।
बहरहाल, कीमत को लेकर भी अब दोनो पक्षों में सहमति बन गई है। भारतीय पक्ष ने पहले से प्रस्तावित कीमत में अच्छी खासी कटौती करने के लिए फ्रांसीसी पक्ष को तैयार कर लिया है। अब प्रस्ताव जल्द ही कैबिनेट के पास जाएगा। कीमत ही दोनों पक्षों के बीच एक बड़ा अवरोध था। अब भारत इसको लेकर ज्यादा देरी नहीं करना चाहता। फ्रांस पहले ही कह चुका है कि वह अंतिम फैसला होने के बाद भारत को डेढ़ वर्ष के भीतर राफेल युद्धक विमानों की आपूर्ति शुरू कर देगा।
सूत्रों के मुताबिक अमेरिका से एफ-16 युद्धक विमान खरीदने का मामले को अंतिम रूप देने में भी तेजी आ गई है। पिछले दो महीने के भीतर इस बारे में भारत व अमेरिका के बीच तीन स्तरों में बातचीत हुई है। एक वार्ता अमेरिका के वायु सेना सचिव डेबारा ली जेम्स की भारत यात्रा दौरान भारतीय रक्षा मंत्रालय व भारतीय वायु सेना के उच्च अधिकारियों के बीच हुई है।
दूसरी बातचीत हाल ही में अमेरिका यात्रा पर गये रक्षा मंत्री मनोहर पर्रीकर की वहां के अधिकारियों के साथ हुई है। इस यात्रा के दौरान भारत व अमेरिका के बीच सैन्य समझौता हुआ जिसे दोनों देश ऐतिहासिक बता रहे हैं। तीसरी बातचीत नई दिल्ली में भारत- अमेरिका रणनीतिक व व्यापारिक वार्ता के दौरान हुई है। एफ-सीरिज के विमान बनाने वाली कंपनी लॉकहीड मार्टिन ने तकनीकी हस्तांतरण करने और इसे भारत में बनाने संबंधी प्रस्ताव के साथ ही इसके निर्माण में ज्यादा से ज्यादा भारतीय कंपनियों को हिस्सेदार बनाने को भी तैयार है।
इन दोनों कंपनियों के अलावा स्वीडन से ग्रीपिन फाइटर जेट खरीदने को लेकर भी बातचीत इस महीने एक निर्णायक मोड़ पर पहुंचने के आसार है। रक्षा मंत्री पर्रीकर इस महीने स्वीडन जा रहे हैं जहां माना जा रहा है कि इस युद्धक विमान पर अहम बातचीत होगी। मजेदार तथ्य यह है कि अमेरिका और फ्रांस की तरह स्वीडन भी पहले ही 'मेड इन इंडिया' कार्यक्रम के तहत भारत में रक्षा उत्पादों का निर्माण करने को सहमति दे चुका है। यानी ग्रीपिन को भारत में बनाने को लेकर स्वीडन को कोई आपत्ति नहीं है।
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