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यूपीएससी छात्रों को जितेंद्र सिंह का आश्वासन, कहा- नहीं होगा अन्याय

संघ लोक सेवा आयोग [यूपीएससी] की परीक्षा में सीसैट के खिलाफ शुक्रवार को संसद भवन के बाहर प्रदर्शन कर रहे कई छात्रों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। वहीं, इस मामले पर राज्यसभा में बयान देते हुए पीएमओ में राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि एडमिट कार्ड जारी से छात्रों को डरने की जरूरत नहीं है।

By Edited By: Published: Fri, 25 Jul 2014 05:30 AM (IST)Updated: Fri, 25 Jul 2014 01:36 PM (IST)
यूपीएससी छात्रों को जितेंद्र सिंह का आश्वासन, कहा- नहीं होगा अन्याय

नई दिल्ली। संघ लोक सेवा आयोग [यूपीएससी] की परीक्षा में सीसैट के खिलाफ शुक्रवार को संसद भवन के बाहर प्रदर्शन कर रहे कई छात्रों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। वहीं, इस मामले पर राज्यसभा में बयान देते हुए पीएमओ में राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि एडमिट कार्ड जारी से छात्रों को डरने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि छात्रों के साथ अन्याय नहीं होगा और इस मामले पर सरकार ने एक हफ्ते में कमेटी से रिपोर्ट मांगी है। हालांकि इस दौरान जितेंद्र सिंह के बयान पर राज्यसभा में हंगामा भी हुआ।

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उधर, संसद भवन के बाहर प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर पुलिस ने जमकर बल का प्रयोग किया। इस दौरान हिरासत में लिए गए छात्र की दिल्ली पुलिस के आलाधिकारी ने बस में जमकर पिटाई भी की। दूसरी ओर इस मसले पर आज संसद के दोनों सदनों में भी जमकर हंगामा हुआ। हंगामें के बीच राज्यसभा की कार्यवाही दो बार स्थगित करनी पड़ी। प्रदर्शन को देखते हुए संसद भवन के पास के दो मेट्रो स्टेशन केंद्रीय सचिवालय और उद्योग भवन स्टेशन को फिलहाल बंद कर दिया गया है।

लोकसभा में भी यूपीएससी की परीक्षा में हिंदी छात्रों की उपेक्षा के मुद्दे पर जमकर हंगामा हुआ। इस मामले पर आरजेडी सांसद पप्पू यादव समेत कई विपक्षी सांसदों ने सदन में नारेबाजी की। सपा ने आरोप लगाते हुए कहा कि हिंदी समेत सभी क्षेत्रीय भाषाओं के साथ भेदभाव हो रहा है। वहीं, बसपा ने कहा है कि सरकार छात्रों को मजबूर कर रही है। जदयू अध्यक्ष शरद यादव ने क्षेत्रीय भाषा के छात्रों के साथ भेदभाव हो रहा है।

इससे पहले प्रदर्शनकारी छात्रों ने पीएमओ में राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह से मुलाकात कर अपनी परेशानियों से उन्हें अवगत कराया। छात्रों से मुलाकात के बाद यूपीएससी विवाद को लेकर जितेंद्र सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भेंट कर इस मामले पर चर्चा की। प्रधानमंत्री से मुलाकात के बाद उन्होंने कहा कि भाषा के आधार पर भेदभाव नहीं किया जाएगा।

मालूम हो कि केंद्र सरकार के आश्वासन के बावजूद संघ लोक सेवा आयोग [यूपीएससी] 24 अगस्त को होने वाली सिविल सेवा की प्रारंभिक परीक्षा टालने के मूड में नहीं दिख रहा है। उसने इस परीक्षा के लिए एडमिट कार्ड जारी करने शुरू कर दिए हैं। इसकी खबर मिलते ही मुखर्जी नगर में उत्तर प्रदेश और बिहार के छात्र सड़कों पर उतर आए। दो सरकारी बसों, पुलिस की जिप्सी समेत एक बाइक को क्षतिग्रस्त कर आग लगा दी गई। सैकड़ों की संख्या में छात्रों ने सड़क पर उतरकर जाम लगा दिया। पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े और लाठीचार्ज भी करना पड़ा। छात्रों की पिटाई से एक पुलिसकर्मी घायल हो गया। दर्जनों छात्रों को हिरासत में ले लिया गया और सैकड़ों अज्ञात के खिलाफ दंगा करने, सरकारी वाहन को जलाने और पुलिस कर्मियों पर हमला करने आदि धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया। पूरा इलाका पुलिस छावनी में तब्दील है।

यूपीएससी की ओर से एडमिट कार्ड जारी किए जाने के कारण सिविल सेवा परीक्षा की सी-सैट प्रणाली में बदलाव के आसार धूमिल नजर आने लगे हैं। आयोग ने अपनी वेबसाइट पर घोषणा की है कि उम्मीदवार प्रारंभिक परीक्षा के लिए 24 अगस्त तक ई-एडमिट कार्ड डाउनलोड कर सकते हैं। परीक्षा 24 अगस्त को ही तय है।

ज्ञात हो कि सी-सैट में बदलाव की छात्रों की मांग पर पीएमओ में राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने सोमवार को कहा था कि सरकार दो-तीन दिन के अंदर इस मुद्दे पर फैसला करेगी। उन्होंने यूपीएससी से 24 अगस्त को होने वाली परीक्षा टालने को भी कहा था। इसके अलावा में सी-सैट से भारतीय भाषाओं के छात्रों से होने वाली परेशानियों पर विचार के लिए तीन सदस्यीय समिति भी गठित कर दी थी। सिविल सेवा की प्रारंभिक परीक्षा में 200-200 अंकों के दो प्रश्नपत्र होते हैं। इनमें पहले को सी-सैट-1 और दूसरे को सी-सैट-2 कहा जाता है। ¨हदी और अन्य भारतीय भाषाओं के छात्रों को सी-सैट-2 से शिकायत है। उनके मुताबिक सी-सैट-2 अंग्रेजी माध्यम के छात्रों के लिए खास तौर पर मददगार है। इसमें बदलाव की मांग को लेकर वे धरना-प्रदर्शन भी कर चुके हैं।

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