बढ़ सकता है गडकरी का रुतबा, रक्षा मंत्रालय भेजे जाने के संकेत
हरियाणा और महाराष्ट्र में सरकार का गठन होते ही मोदी सरकार का पहला कैबिनेट विस्तार होगा। इसमें सबसे अहम फैसला हाईप्रोफाइल मंत्री व पूर्व भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी को प्रोन्नत किया जाना हो सकता है। प्रबल संभावना है कि उन्हें रक्षा मंत्रालय दिया जा सकता है। इसके अलावा मंत्रिमंडल में विभिन्न राज्यों का प्रतिनिधि
नई दिल्ली (जागरण ब्यूरो)। हरियाणा और महाराष्ट्र में सरकार का गठन होते ही मोदी सरकार का पहला कैबिनेट विस्तार होगा। इसमें सबसे अहम फैसला हाईप्रोफाइल मंत्री व पूर्व भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी को प्रोन्नत किया जाना हो सकता है। प्रबल संभावना है कि उन्हें रक्षा मंत्रालय दिया जा सकता है। इसके अलावा मंत्रिमंडल में विभिन्न राज्यों का प्रतिनिधित्व बढ़ाकर कुछ लोगों की जिम्मेदारियां बदली जाएंगी।
मई में सरकार गठन के बाद ही माना जा रहा था कि तीन-चार माह में मोदी मंत्रिमंडल का विस्तार होगा। हरियाणा और महाराष्ट्र के चुनावों की वजह से विस्तार टाल दिया गया था, लेकिन अब संसद के शीतकालीन सत्र से पहले मंत्रिमंडल विस्तार निश्चित माना जा रहा है। शीतकालीन सत्र संभवत: नवंबर के अंतिम सप्ताह से शुरू होगा। केंद्र सरकार के उच्चपदस्थ सूत्रों का हालांकि कहना है कि मंत्रिमंडल विस्तार दीपावली के बाद कभी भी हो सकता है।
मोदी कैबिनेट में अभी प्रधानमंत्री के अलावा कुल 44 मंत्री हैं। इनमें 22 कैबिनेट और इतने ही राज्य मंत्री हैं। गोपीनाथ मुंडे की मृत्यु के बाद खाली ग्रामीण विकास मंत्रालय फिलहाल गडकरी देख रहे हैं। सड़क परिवहन राजमार्ग व जहाजरानी मंत्रालय उनके पास पहले से था। अब उनसे ग्रामीण विकास मंत्रालय लेकर उन्हें रक्षा मंत्रालय भेजे जाने की गंभीरता से चर्चा चल रही है। वैसे उन्हें महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के तौर पर भी भेजे जाने का विकल्प था, जिसे उन्होंने स्वीकार नहीं किया।
वित्त मंत्रालय के साथ रक्षा संभाल रहे मोदी सरकार के सबसे प्रभावशाली मंत्री अरुण जेटली ने पदभार ग्रहण करते ही रक्षा मंत्रालय छोड़ने के संकेत दे दिए थे। जेटली के पास जहां दो सबसे बड़े मंत्रालय हैं, वहीं संगठन और सरकार के तमाम अन्य मसलों में भी मोदी सबसे ज्यादा भरोसा उन पर ही करते हैं। ऐसे में गडकरी को रक्षा मंत्रालय देकर उनका रुतबा बढ़ाया जा सकता है। कैबिनेट में औपचारिक रूप से नंबर दो पर गृह मंत्री राजनाथ सिंह पहले से हैं ही। विदेश मंत्रालय सुषमा स्वराज के पास ही रहेगा। गडकरी को रक्षा मंत्रालय देकर उन्हें भी सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीएस) में शामिल किया जा सकता है।