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    उड़ी हमला: NIA ने दर्ज किया केस, जांच के लिए US भेजा जाएगा GPS सेट

    By Lalit RaiEdited By:
    Updated: Tue, 20 Sep 2016 01:40 PM (IST)

    उडी़ हमले की जांच के लिए एनआइए की 6 सदस्यों वाली टीम उड़ी में है। शुरुआती जांच में ये जानकारी सामने आयी है कि हमले से पहले आतंकी पीओके के मुजफ्फराबाद में थे।

    नई दिल्ली। उड़ी में सेना मुख्यालय पर हमले की जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी( एनआइए) ने केस दर्ज कर लिया है। हमले में इस्तेमाल जीपीएस और नेविगेशनल मैप को एनआइए के हवाले करने के निर्देश दिये गए हैं।वहीं एनआइए ने फॉरेंसिक जांच के लिए जीपीएस सेट अमेरिका भेजने का फैसला किया है। जीपीएस सेट की फॉरेंसिक जांच के बाद ये पता चलेगा कि आतंकी कब और किस रूट के जरिए भारतीय सीमा में दाखिल हुए थे। गृहराज्य मंत्री किरन रिजिजू ने उड़ी हमले पर कहा कि ये एक गंभीर हमला है कि पुलिस कमिश्नर से तथ्यों को इकठ्ठा करने को कहा गया है।

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    फौजियों की ड्रेस में भारतीय सीमा में दाखिल हुए आतंकी

    बताया जा रहा है कि हमलावर चार आतंकियों में से तीन आतंकी क्लीन शेव थे। उन्होंने भारतीय जवानों की तरह बाल कटाए थे। आतंकी धोखा देकर सेना मुख्यालय में दाखिल होने में कामयाब हुए। श्रीनगर स्थिति 92 बेस अस्पताल में आतंकियों के पोस्टमॉर्टम और बोन मास डेंसिटी से ये साबित हुआ कि उनकी उम्र 20 साल थी। आतंकियों को करीब 169 गोलियां लगी थी। मारे गए आतंकियों के पास से प्रोटीन वाली चॉकलेट, 6 रेड बुल कैन ओआरएस के तीन खाली पैकेट और दूसरी दवाएं घटनास्थल से बरामद की गई थीं।

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    शक के दायरे में तीन गड़ेरिये

    जांच एजेंसियों ने उड़ी के तीन गड़ेरियों से पूछताछ की है। गड़ेरियों पर शक है कि हमले से पहले वो आतंकियों से मिले थे। आतंकियों के पास के जिस जीपीएस सेट की बरामदगी हुई है। उसमें राफियाबाद(मुजफ्फराबाद) और गलवामा का जिक्र है। इन दोनों जगहों की दूरी लाइन ऑफ कंट्रोल से महज 6 किमी दूर है। झेलम नदी में फिलहाल पानी कम है। इसके अलावा झेलम की कई शाखाएं हैं जिनके बारे में आतंकियों को पूरी जानकारी थी।

    हमले से पहले मुजफ्फराबाद में थे आतंकी

    मुजफ्फराबाद पाक अधिकृत कश्मीर में वो जगह है जहां जैश सरगना अक्सर तकरीरें करता रहता है। खुफिया एजेंसियों ने हाल ही में ये जानकारी दी थी कि जैश सरगना आतंकियों से कह रहा था कि शाहबाज खान ऊर्फ गाजी बाबा की हत्या का बदला लेने के लिए मुजफ्फराबाद के आगे बढ़ने की जरूरत है।जीपीएस से मिली जानकारी के बाद ये साफ है कि उड़ी में सेना मुख्यालय पर हमले से पहले आतंकी पाकिस्तान में ही मौजूद थे। जैश सरगना मसूद अजहर उड़ी हमले पर खुद नजर रख रहा था।

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