Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    नीतीश को महंगा पड़ा एनसीटीसी का विरोध

    By Edited By:
    Updated: Mon, 08 Jul 2013 05:59 AM (IST)

    राष्ट्रीय आतंकरोधी केंद्र [एनसीटीसी] का विरोध नीतीश कुमार को महंगा साबित हुआ है। ठीक एक महीने पहले 5 जून को मुख्यमंत्रियों के सम्मेलन में बिहार के सीएम नीतीश ने एनसीटीसी का विरोध किया था। सुरक्षा एजेंसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हैदराबाद के दिलसुख नगर और गया के महाबोधि मंदिर में आतंकी हमल

    नई दिल्ली [नीलू रंजन]। राष्ट्रीय आतंकरोधी केंद्र [एनसीटीसी] का विरोध नीतीश कुमार को महंगा साबित हुआ है। ठीक एक महीने पहले 5 जून को मुख्यमंत्रियों के सम्मेलन में बिहार के सीएम नीतीश ने एनसीटीसी का विरोध किया था। सुरक्षा एजेंसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हैदराबाद के दिलसुख नगर और गया के महाबोधि मंदिर में आतंकी हमले की पूर्व जानकारी होने के बावजूद राज्य पुलिस इसे रोकने में नाकाम रही। समस्या यह है कि खुफिया ब्यूरो [आइबी] के पास राज्य पुलिस को चेतावनी भेजने के अलावा कोई अधिकार नहीं है, जबकि एनसीटीसी आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई के अधिकार से लैस होता।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पढ़ें: मंदिर के हर कोने में हुए विस्फोट

    गौरतलब है कि पिछले साल एनसीटीसी के गठन के समय ममता बनर्जी, जयललिता, नवीन पटनायक और नरेंद्र मोदी जैसे गैरकांग्रेसी मुख्यमंत्रियों के साथ नीतीश कुमार ने भी इसके खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। यहां तक कि कड़े प्रावधान हटाने के बावजूद नीतीश को एनसीटीसी पसंद नहीं आया और आंतरिक सुरक्षा पर मुख्यमंत्रियों के सम्मेलन में उन्होंने इसकी जरूरत पर सवाल खड़े करते हुए एनआइए को ही मजबूत करने की मांग की थी। एनसीटीसी के तहत राज्य के अधिकारियों के लिए जरूरी सूचनाएं व दस्तावेज देना अनिवार्य बनाने का प्रस्ताव भी नीतीश को पसंद नहीं आया था। यही नहीं, दूसरी एजेंसियों द्वारा बिहार में इंडियन मुजाहिदीन [आइएम] आतंकियों के पकड़े जाने पर भी नीतीश सरकार ने एतराज जताया था।

    पढ़ें: एजेंसियों के झगड़े ने बढ़ाए आतंकियों के हौसले

    सुरक्षा एजेंसी के वरिष्ठ अधिकारी ने दावा किया कि अगर एनसीटीसी को व्यापक शक्तियों के साथ अस्तित्व में लाया गया होता, तो इस आतंकी हमले को रोका जा सकता था। दरअसल, पिछले साल नवंबर में दिल्ली पुलिस की पूछताछ में आइएम के आतंकी मकबूल ने हैदराबाद के दिलसुख नगर और गया के महाबोधि मंदिर में आतंकी हमले के लिए रेकी करने की जानकारी दी थी। आंध्र प्रदेश और बिहार पुलिस को दिल्ली पुलिस ने तत्काल इस बारे में बता दिया था। खुफिया ब्यूरो बिहार सरकार को महाबोधि मंदिर में आतंकी हमले के बारे में लगातार आगाह करता रहा था। इस संबंध में अंतिम चेतावनी 15 दिन पहले ही भेजी गई थी, लेकिन बिहार पुलिस आंध्र प्रदेश पुलिस की तरह आतंकी हमले को रोकने में नाकाम रही।

    मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर