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    एजेंसियों के झगड़े ने बढ़ाए आतंकियों के हौसले

    By Edited By:
    Updated: Mon, 08 Jul 2013 10:20 AM (IST)

    मुंबई हमले के बाद आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को लेकर बनी संजीदगी पिछले एक साल में गायब हो गई है। रही-सही कसर एजेंसियों के आपसी झगड़े ने पूरी कर दी है। खुफिया ब्यूरो [आइबी] के विशेष निदेशक राजेंद्र कुमार के खिलाफ सीबीआइ की कार्रवाई को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए सेवानिवृत्ति से दो दिन पहले ही गृह सचिव अ

    नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। मुंबई हमले के बाद आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को लेकर बनी संजीदगी पिछले एक साल में गायब हो गई है। रही-सही कसर एजेंसियों के आपसी झगड़े ने पूरी कर दी है। खुफिया ब्यूरो [आइबी] के विशेष निदेशक राजेंद्र कुमार के खिलाफ सीबीआइ की कार्रवाई को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए सेवानिवृत्ति से दो दिन पहले ही गृह सचिव आरके सिंह ने कहा था कि ऐसे में देश की सुरक्षा का भगवान ही मालिक है। उनकी आशंका एक ही हफ्ते में सही साबित हो गई है। सुरक्षा एजेंसियों से बेखौफ इंडियन मुजाहिद्दीन [आइएम] आतंकी एक के बाद एक हमला कर रहे हैं।

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    गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि महाबोधि मंदिर धमाकों में भी आइएम का ही हाथ है। हमें इसकी आठ महीने से जानकारी है। आइएम आतंकी मकबूल ने दिल्ली पुलिस को नवंबर में ही हैदराबाद के दिलसुख नगर और महाबोधि मंदिर के निशाने पर होने की जानकारी दे दी थी, लेकिन सुरक्षा एजेंसियां इस अहम जानकारी पर आगे की कार्रवाई में विफल रहीं। हैदराबाद धमाके की जांच कर रहे एनआइए के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इसके पीछे भी आइएम का हाथ है और धमाका करने वाले आतंकी की पहचान भी कर ली गई है। इसके बावजूद महाबोधि मंदिर में धमाका कर आइएम ने सुरक्षा एजेंसियों को खुली चुनौती दे दी है।

    एजेंसियों की आपसी लड़ाई का ही नतीजा है कि पुणे बम धमाके के मुख्य आरोपी और देश में आइएम के संस्थापक यासीन भटकल को अब तक गिरफ्तार नहीं किया जा सका है। दिल्ली पुलिस ने पिछले साल मोहम्मद नकी नाम के एक मुखबिर के सहारे भटकल को मुंबई में गिरफ्तार करने की पूरी योजना बना ली थी, लेकिन मुंबई पुलिस ने नकी को ही गिरफ्तार कर पूरी योजना पर पानी फेर दिया। माना जा रहा है कि देश भर के आतंकी हमलों में भटकल की अहम भूमिका रहती है। सबसे बड़ी समस्या है कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में केंद्रीय भूमिका निभाने वाले आइबी अफसरों के हौसले भी पस्त हो गए हैं। आइबी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि लश्कर-ए-तैयबा आतंकियों की सूचना देने पर राजेंद्र कुमार को आरोपी बनाए जाने के बाद अब कोई भी अधिकारी आतंकियों के खिलाफ आगे बढ़कर कार्रवाई नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि पस्त हौसलों से आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई नहीं लड़ी जा सकती है।

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