राज्यसभा की प्रवर समिति को भेजा जाएगा एनसीबीसी विधेयक
सोमवार को ही लोकसभा से इस विधेयक के साथ ही संविधान संशोधन (123वां संशोधन) विधेयक पारित हो चुका है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। पिछड़ा वर्ग राष्ट्रीय आयोग (एनसीबीसी) को संवैधानिक हैसियत देने से संबंधित विधेयक को राज्यसभा की प्रवर समिति के पास भेजा जा सकता है। सोमवार को ही लोकसभा से इस विधेयक के साथ ही संविधान संशोधन (123वां संशोधन) विधेयक पारित हो चुका है। मंगलवार को राज्यसभा के महासचिव द्वारा इसकी सूचना देने के तुरंत बाद ही विपक्ष के सदस्यों ने एक अनौपचारिक सहमति का संकेत दिया।
तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि सदन में चर्चा से पहले विधेयक को प्रवर समिति के पास भेजना उचित रहेगा। इस मुद्दे पर अनौपचारिक सहमति बन गई है। उन्होंने कहा कि सरकार के मंत्रियों के साथ इस मुद्दे पर चर्चा हुई है।
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संसदीय कार्य राज्यमंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने विपक्ष के बयान का कोई विरोध नहीं किया। इसके साथ ही मुद्दा उठने पर उन्होंने कोई टिप्पणी भी नहीं की। सपा के नरेश अग्रवाल ने कहा कि विधेयक को प्रवर समिति के पास भेजा जाना चाहिए। इस बात पर सभी सहमत हैं। राज्यसभा के उपसभापति पीजे कुरियन ने कहा कि इस समय मुद्दे पर चर्चा उचित नहीं है।
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अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य के नामांकन की प्रक्रिया विचाराधीन
अल्पसंख्यकों के लिए राष्ट्रीय आयोग के सदस्यों को नामित करने की प्रक्रिया विचाराधीन है। यह जानकारी मंगलवार को राज्यसभा में दी गई। एक सवाल के जवाब में अल्पसंख्यक मामलों के राज्यमंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि अध्यक्ष और सदस्यों को नामित करने की प्रक्रिया पर प्रमुखता से विचार किया जा रहा है। विपक्षी दलों ने 27 मार्च को राज्यसभा में सरकार को निशाने पर लिया था। विपक्ष ने इस आयोग के साथ ही एसी/एसटी के लिए राष्ट्रीय आयोग में भी रिक्तियों पर सवाल उठाया था।
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