राष्ट्रीय लोक अदालत में निपटे साढ़े छह लाख मामले
अदालतों में गंभीर मामलों का ही ट्रायल हो। लोक अदालतें कुछ इसी तर्ज पर काम करती हैं। राज्य विधिक सेवा प्राधिकरणों को कुछ दिशानिर्देश भी भेजे गए हैं।
नई दिल्ली, प्रेट्र। दूसरी राष्ट्रीय लोक अदालत में 6.6 लाख मामले निपटाए गए। इनमें से 3.68 लाख मामले अर्से से लंबित थे तो 2.92 लाख शिकायतों का निपटारा किया। इनमें कई मामले वैवाहिक अनबन के थे तो कई चेक बाउंस से जुड़े थे। तालुक से लेकर हाईकोर्ट तक हर जगह लगी अदालतों में सिविल विवादों के साथ कुछ आपराधिक मामले भी निपटाए गए।
राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा) की तरफ से बताया गया कि यह फैसला लिया गया है कि हर दो माह में राष्ट्रीय स्तर पर लोक अदालत का आयोजन किया जाए। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस दीपक मिश्रा नालसा के कार्यकारी चेयरमैन हैं। उन्होंने इस तरह के ज्यादा आयोजन करने की जरूरत पर जोर दिया। जस्टिस मिश्रा का मानना है कि अदालतों के समक्ष लगे लंबित मुकदमों के अंबार को खत्म करने के लिए जरूरी है कि आपसी सहमति से विवाद निपटाने की संस्कृति को बढ़ावा दिया जाए।
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अदालतों में गंभीर मामलों का ही ट्रायल हो। लोक अदालतें कुछ इसी तर्ज पर काम करती हैं। राज्य विधिक सेवा प्राधिकरणों को कुछ दिशानिर्देश भी भेजे गए हैं। उन्हें कहा गया है कि वह लोक अदालतों में देखें कि दोनों पार्टियों के बीच होने वाला समझौता दोस्ताना रहे।
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