एनआरआइ के पैसों पर आलीशान जिंदगी जी रहे हैं गांववाले
गुजरात के आणंद जिले का गांव धर्माज। अनिवासी भारतीयों यानी एनआरआइ ने इस गांव में मौजूद 13 बैंकों में जमा कर रखी है 1,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम। इस गांव की आबादी है 11,333। ऐसे में अगर यह देश का सबसे अमीर गांव है तो हैरत क्यों।
वडोदरा। गुजरात के आणंद जिले का गांव धर्माज। अनिवासी भारतीयों यानी एनआरआइ ने इस गांव में मौजूद 13 बैंकों में जमा कर रखी है 1,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम। इस गांव की आबादी है 11,333। ऐसे में अगर यह देश का सबसे अमीर गांव है तो हैरत क्यों। अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि देश में सबसे ज्यादा एनआरआइ डिपॉजिट केरल में आता है, जहां के बैंकों में अनिवासी भारतीयों के 90,000 करोड़ जमा हैं।
कई दशकों से बड़ी संख्या में गांव के लोग विदेश में जाकर नौकरी या कारोबार कर रहे हैं। लगभग 3,120 परिवारों के सदस्य विदेश में रहते हैं। एनआरआइ के दर्जे वाले ये सारे लोग गांव के बैंकों और डाकघरों में ही अपने पैसे जमा कराते हैं। इसकी वजह से ही धर्माज सबसे धनी गांव बन गया है। अमीरी में आगे होने के साथ ही यह सबसे साक्षर गांव भी है। सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के डीजीएम (वडोदरा डिविजन) आरएन हिरवे का कहना है कि इस गांव के एनआरआइ भारतीय बैंकों में पैसा जमा करना ज्यादा पसंद करते हैं। इस तरह गांव के बैंकों में हजार करोड़ रुपये से भी अधिक की भारी-भरकम रकम इकट्ठी हो गई है।