अल्पसंख्यक भयभीत न हों: नजमा
अल्पसंख्यक मामलों की मंत्री नजमा हेपतुल्ला ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शासनकाल को लेकर मुस्लिमों विशेषकर कश्मीरी मुस्लिमों के बीच पैदा विभिन्न आशंकाओं के संदर्भ में पूछे गए सवाल पर कहा कि किसी को घबराने की जरुरत नहीं है। उन्होंने कहा कि इससे पहले जब केंद्र में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने सरकार की कमान संभाली थी तो उस समय भी कई लोगों के मन में नकारात्मक भावनाओं और डर ने अपना घर बना लिया था, लेकिन उनके शासन को आज भी सभी लोग याद कर
श्रीनगर [जागरण ब्यूरो]। अल्पसंख्यक मामलों की मंत्री नजमा हेपतुल्ला ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शासनकाल को लेकर मुस्लिमों विशेषकर कश्मीरी मुस्लिमों के बीच पैदा विभिन्न आशंकाओं के संदर्भ में पूछे गए सवाल पर कहा कि किसी को घबराने की जरुरत नहीं है। उन्होंने कहा कि इससे पहले जब केंद्र में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने सरकार की कमान संभाली थी तो उस समय भी कई लोगों के मन में नकारात्मक भावनाओं और डर ने अपना घर बना लिया था, लेकिन उनके शासन को आज भी सभी लोग याद करते हैं। उन्होंने कहा कि दुनिया में कोई ऐसा प्रधानमंत्री नहीं है जो बस में बैठ अपने पड़ौसी मुल्क की यात्रा पर गया हो, लेकिन पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने ऐसा कर दिखाया। उन्होंने कश्मीर में आकर भी पाकिस्तान के लिए दोस्ती का हाथ बढ़ाया। लेकिन 2004 के चुनाव वह हार गए। अगर उन्हें वर्ष 2004 में भी सरकार बनाने का जनादेश मिला होता तो आज कश्मीर के हालात बिल्कुल जुदा होते।
नजमा ने कहा कि मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा दिखाए गए रास्ते पर ही चल रहे हैं। गत शुक्रवार को स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान भी उन्होंने सिर्फ अपने मुल्क के विकास की बात नहीं की बल्कि पूरे सार्क मुल्कों के आर्थिक व सामाजिक उत्थान पर जोर देते हुए सभी से साथ मिलकर चलने का आग्रह भी किया है।
मुस्लिमों के विकास के प्रति केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता का यकीन दिलाते हुए उन्होंने कहा कि मैं गत दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिली। उन्होंने मुझसे कहा कि हमारे मुल्क में मुसलमान सबसे पिछड़े हैं। जिंदगी जीने के लिए जो अधिकार चाहिए, वह मुस्लिमो को नहीं मिले हैं। उन्होंने कहा कि हमें एक दूसरे के प्रति नफरत की भावना को त्यागना होगा।
कश्मीरी पंडितों का वादी से विस्थापन मानवीय त्रासदी
श्रीनगर : अल्पसंख्यक मामलों की मंत्री नजमा हेपतुल्ला ने कश्मीरी पंडितों की कश्मीर वापसी के लिए वादी में सेटेलाइट टाउनशिप योजना का समर्थन किया। उन्होंने पूछा कि क्या कश्मीरी पंडितों का विस्थापन मानवाधिकारों का हनन और मानवीय त्रासदी नहीं है।
नजमा ने उल्टा सवाल पूछा कि क्या कश्मीरी पंडितों का कश्मीर से सामूहिक पलायन मानवीय त्रासदी नहीं है? क्या यह मानवाधिकारों का हनन नहीं है? उन्हें अपने घरों से निकलने के लिए मजबूर होना पड़ा। उन्होंने कहा कि मैं बहुत खुश हूं कि वित्त मंत्री अरुण जेटली ने उनके पुनर्वास के लिए बजट में अलग राशि का प्रावधान रखा है।
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