पेशावर हमला: भारतीय संसद में निंदा प्रस्ताव, स्कूलों में श्रद्धांजलि
संसद के दोनों सदनों में बुधवार को सदस्यों ने पेशावर हमले पर शोक जताते हुए दो मिनट का मौन धारण किया। इसके साथ ही देशभर के स्कूलों में श्रद्धांजलि देते हुए विद्यार्थियों ने भी दो-दो मिनट का मौन रखा। हमले को देखते हुए दिल्ली सहित महत्वपूर्ण शहरों के स्कूलों में
नई दिल्ली। संसद के दोनों सदनों में बुधवार को सदस्यों ने पेशावर हमले पर शोक जताते हुए दो मिनट का मौन धारण किया। इसके साथ ही देशभर के स्कूलों में श्रद्धांजलि देते हुए विद्यार्थियों ने भी दो-दो मिनट का मौन रखा। हमले को देखते हुए दिल्ली सहित महत्वपूर्ण शहरों के स्कूलों में सुरक्षा के इंतजाम भी बढ़ा दिए गए हैं। लोकसभा व राज्यसभा में इस दर्दनाक घटना को लेकर लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन व सभापति हामिंद अंसारी ने निंदा प्रस्ताव पेश किया।
लोकसभा में महाजन ने निंदा प्रस्ताव पेश करते हुए इसे नीच, कायरतापूर्ण और बर्बर आतंकी करार दिया। उन्होंने घटना पर दुख्ा और संवेदना प्रकट की। वहीं राज्यसभा में सभापति अंसारी ने आतंकी हमले को क्रर और कायरतापूर्ण करार दिया।
प्रस्ताव पर चर्चा करते हुए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि संकट की इस घड़ी में भारत पाकिस्तान के साथ खड़ा है। वहीं सदन में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी घटना की कड़ी निंदा की। बाद में निंदा प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पास कर दिया गया।
इससे पहले मंगलवार देर रात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से फोन पर बात कर उन्हें हरसंभव मदद का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत पाकिस्तान के साथ खड़ा है।
मंगलवार को ही पीएम मोदी ने ट्वीट कर देश भर के स्कूलों में बुधवार को दो मिनट का मौन रखने की अपील की है। उन्होंने कहा कि पेशावर के आतंकी हमले के खिलाफ एकजुटता दिखाने का ये तरीका उचित होगा। अपने एक अन्य ट्वीट में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री से फोन पर हुई संक्षिप्त वार्ता का ब्योरा देते हुए बताया कि उन्होंने नवाज शरीफ से कहा है कि इस दुख की घड़ी में पाकिस्तान को हर जरूरी मदद देने के लिए भारत तैयार है।
दोनों नेताओं के बीच ये बातचीत नवाज शरीफ के पेशावर से इस्लामाबाद लौटने के बाद हुई।
पेशावर के बर्बर आतंकी हमले की घोर निंदा करते हुए मोदी ने कहा कि दुख की इस घड़ी में दोनों देश एक साथ हैं। ये घटना उन सभी के लिए बहुत तकलीफदेह है जो मानवता में यकीन रखते हैं और आतंकवाद को मात देना चाहते हैं। इससे पूर्व, दिन में किए ट्वीट में मोदी ने इसे आतंकी वारदात को मानवता के खिलाफ घिनौना अपराध बताया। प्रधानमंत्री ने ट्विटर पर दी प्रतिक्रिया में कहा कि जिन लोगों ने अपनों को खोया है उनकी पीड़ा के बारे में सोचकर ही मेरा कलेजा मुंह को आता है।
हम उनकी इस पीड़ा में साथ हैं और दिल की गहराई से शोक प्रकट करते हैं। पेशावर हमले को कायराना बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि स्कूल में छात्रों और अन्य निर्दोष लोगों की जान लेना वाला यह एक ऐसा विवेकहीन बर्बरतापूर्ण कृत्य है, जिसे शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैय्यद अकबरुद्दीन ने एक सवाल के जवाब में कहा कि इस हमले में ना केवल मासूम बच्चों का कत्ल-ए-आम किया गया है बल्कि मानवीयता की मूल धारणा को ही मारा गया है। आतंकवाद ना कभी सही था ना कभी इसे सही ठहराया जा सकता है। वहीं केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने इस हमले की निंदा करते हुए कहा कि यह अमानवीय हमला आतंकवाद के वास्तविक खतरे को उजागर करता है।
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