स्कूलों में सुरक्षा पुख्ता करने में जुटी सरकार
पाकिस्तान के पेशावर के स्कूल में आतंकी हमले से चिंतित केंद्र सरकार देश में स्कूलों की सुरक्षा पुख्ता करने की तैयारी में जुट गई है। इसके लिए सभी राज्य सरकारों को विस्तृत एडवाइजरी भेजने की तैयारी चल रही है। इसके तहत सभी निजी स्कूलों को सीसीटीवी कैमरे लगाने, निजी स्कूलों
नई दिल्ली, नीलू रंजन। पाकिस्तान के पेशावर के स्कूल में आतंकी हमले से चिंतित केंद्र सरकार देश में स्कूलों की सुरक्षा पुख्ता करने की तैयारी में जुट गई है। इसके लिए सभी राज्य सरकारों को विस्तृत एडवाइजरी भेजने की तैयारी चल रही है। इसके तहत सभी निजी स्कूलों को सीसीटीवी कैमरे लगाने, निजी स्कूलों में निजी सुरक्षा गार्ड तैनात करने, स्कूल शुरू होने के बाद गेट पूरी तरह बंद करने, आतंकी हमला होने की स्थिति में बच्चों और शिक्षकों को बाहर निकालने का वैकल्पिक प्लान तैयार करने और स्कूलों के आसपास स्थानीय पुलिस की गश्ती गाड़ियों की तैनाती जैसे उपाय शामिल किया जा रहा है।
पेशावर स्कूल में हमले को दुखद बताते हुए गृहमंत्रलय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि देश में लाखों स्कूलों में पूरी सुरक्षा मुहैया करना संभव नहीं है और आतंकी ऐसी घिनौनी हरकत भारत में भी कर सकते हैं। लेकिन सुरक्षा के लिए कुछ जरूरी उपाय करने से ऐसे आतंकी हमलों से आसानी से बचा जा सकता है या उनसे निपटा जा सकता है। इसके लिए विस्तृत एडवाइजरी सभी राज्य सरकारों को एक-दो दिनों में जारी कर दी जाएगी। उन्होंने कहा कि पी चिदंबरम के गृहमंत्री रहने के दौरान तत्कालीन गृह सचिव जीके पिल्लई ने स्कूलों में सुरक्षा उपायों के लिए एक एडवाइजरी सभी राज्यों को जारी की थी।
उक्त एडवाइजरी की जांच कर उसमें जरूरी बदलाव किये जा रहे हैं, ताकि उसे मौजूदा खतरों के अनुरूप बनाया जा सके। उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार नई एडवाइजरी ने राज्य सरकार को सभी बड़े स्कूलों में सीसीटीवी कैमरे लगाना सुनिश्चित करने को कहा है। स्कूलों में इन सीसीटीवी कैमरों के फुटेज की रियल टाइम मानिटरिंग की भी व्यवस्था होनी चाहिए। इसके साथ ही सभी निजी स्कूलों को निजी सुरक्षा गार्ड तैनात करने को कहा गया है, ताकि स्कूलों के भीतर आसानी से घुसपैठ को रोका जा सके। एडवाइजरी में पढ़ाई शुरू होने के बाद स्कूलों के गेट पूरी तरह बंद करने और केवल आइकार्ड के आधार पर ही लोगों को प्रवेश देने को कहा जा रहा है।
राज्य सरकारों को स्थानीय प्रशासन की मदद से स्कूल प्रशासन के साथ मिलकर आतंकी हमले के दौरान बच्चों को बाहर निकालने का समय-समय पर माकडिल करने को कहा जा रहा है। इसके साथ ही राज्य सरकारों को बड़े स्कूलों के आसपास पुलिस गश्ती गाड़ियों की तैनाती और आतंकी हमलों की स्थिति में इमरजेंसी अलार्म की पुख्ता व्यवस्था करने की बात भी शामिल है।
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