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    मोदी ने रेवाड़ी से दिया राष्ट्र के नाम संदेश

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    Updated: Mon, 16 Sep 2013 05:03 AM (IST)

    भाजपा की ओर से प्रधानमंत्री पद का प्रत्याशी घोषित किए जाने के बाद रेवाड़ी की अपनी पहली रैली में नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम संदेश की तर्ज पर लोगों को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर दमदारी से बात रखी। आतंकवाद के मसले पर मोदी ने नाम लिए बिना अमेरिका को नसीहत दी। उन्होंने कहा कि इस मसले पर पक्षपातपूर्ण रवैये से काम नहीं चल सकता। मोदी ने राष्ट्रीय नेता के तौर पर प्रगतिवादी और व्यापक सोच की बानगी दिखाने का भी प्रयास किया।

    महेश कुमार वैद्य, रेवाड़ी। भाजपा की ओर से प्रधानमंत्री पद का प्रत्याशी घोषित किए जाने के बाद रेवाड़ी की अपनी पहली रैली मेंनरेंद्र मोदी राष्ट्र के नाम संदेश की तर्ज पर लोगों को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर दमदारी से बात रखी। आतंकवाद के मसले पर मोदी ने नाम लिए बिना अमेरिका को नसीहत दी। उन्होंने कहा कि इस मसले पर पक्षपातपूर्ण रवैये से काम नहीं चल सकता। मोदी ने राष्ट्रीय नेता के तौर पर प्रगतिवादी और व्यापक सोच की बानगी दिखाने का भी प्रयास किया।

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    पूर्व सैनिकों की रैली में राष्ट्रवाद की हुंकार के साथ ही पड़ोसी मुल्कों से छद्मयुद्ध छोड़ गरीबी व आतंकवाद के खिलाफ साझा लड़ाई छेड़ने का भी आह्वान किया। सेना के बहाने केंद्र को घेरते हुए कहा कि देश के सैनिक बहादुर हैं, लेकिन नेतृत्व कमजोर है। सच्चर कमेटी की पुरानी रिपोर्ट को नए तेवर के साथ रखते हुए मोदी ने संप्रग सरकार को सेना से पंथ निरपेक्षता सीखने की सलाह भी दी।

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    रेवाड़ी के जिला सचिवालय मैदान में पूर्व सैनिकों और भारी संख्या में आए युवाओं के बीच मोदी ने सीमा पर सरकार की नाकामियों पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि समस्या सेना में नहीं दिल्ली में है। सेना दुश्मन के किसी भी नापाक इरादे का करारा जवाब देने में सक्षम है। भाजपा के चुनावी रथ की कमान संभाल चुके मोदी ने नारों की गरज के बीच कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए सशक्त सरकार, सशक्त नेतृत्व और सशक्त सेना की जरूरत है। दिल्ली की सत्ता बदलने का संकल्प व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसा करके ही हम समस्याओं का समाधान कर सकेंगे। मोदी ने संप्रग सरकार के पहले कार्यकाल के दौरान आई सच्चर समिति की रिपोर्ट का हवाला देते हुए सरकार पर सेना में धार्मिक विभाजन की कोशिशों का आरोप भी लगाया। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि देश के राजनेताओं को सेना से धर्मनिरपेक्षता सीखने की जरूरत है।

    अहीरवाल की राजनीतिक राजधानी व सैनिकों के गढ़ रेवाड़ी में मोदी ने केंद्र की सीमा और विदेश नीति पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने चुन-चुनकर ऐसे मुद्दे उठाए जो सेना और सशस्त्र बलों के बलिदान व सम्मान से जुड़े थे। चुनावी गणित के लिहाज से भी यह अहम है, क्योंकि देश के सभी सूबों में पूर्व सैनिकों की बड़ी संख्या है। मोदी ने 'एक-रैंक, एक पेंशन' का मुद्दा भी उठाया, जिसे लेकर नाराज पूर्व सैनिक अपने वीरता पदक लौटाने जैसे कदम भी उठा चुके हैं।

    मोदी ने पाकिस्तान पर भारतीय सैनिकों की हत्या व छद्म युद्ध और चीन पर भारतीय सीमा में घुसपैठ जैसे आरोप लगाने के साथ ही पड़ोसियों से रिश्ते सुधारने की सोच भी पेश की। उन्होंने पड़ोसी देशों को युद्ध की मानसिकता छोड़कर भूख, गरीबी, अशिक्षा व अंधश्रद्धा से लड़ने की नसीहत भी दी। खासतौर पर पाकिस्तान और बांग्लादेश का हवाला देते हुए कहा कि भारत विरोधी मानसिकता को भूलकर दस वर्ष के लिए प्रगति की नई पहल करें। अगर पाकिस्तान ऐसा कर पाया तो दस वर्ष में ही गरीबी, भुखमरी, अशिक्षा से मुक्ति मिल जाएगी। भारत भी विकास में काफी आगे पहुंच जाएगा। रेवाड़ी रैली में पूर्व सेना प्रमुख वीके सिंह और हजकां अध्यक्ष कुलदीप विश्नोई ने भी मोदी के साथ मंच साझा किया।

    मुद्दे जो उठाए

    -आतंकवाद पर अमेरिका का पक्षपातपूर्ण रवैया

    -केंद्र सरकार की कमजोर सीमा व विदेश नीति

    -सशस्त्र बलों का बलिदान और सम्मान

    -सेना में 'एक रैंक, एक पेंशन' का मसला

    मोदी रैली की झलकियां

    मोदी रंग में रंगे थे युवा

    पूर्व सैनिकों के नाम पर आयोजित मोदी की रैली में युवाओं की भागीदारी भी काफी रही। युवाओं में मोदी का क्रेज इस कदर था कि उन्हें देखने के लिए युवकों ने पंडाल के खंभो को भी ठिकाना बना लिया था।

    'बेटा बस एक बार मोदी नै देख लेण दे'

    मोदी का क्रेज केवल युवाओं पर ही नहीं अपितु बुजुर्गो पर भी खूब नजर आया। मोदी के मंच पर आने के बाद युवाओं की भीड़ बेकाबू होकर सुरक्षा घेरे के समीप बने मीडिया कक्ष तक पहुंच गई। जब मोदी ने अपना भाषण शुरू किया तो करीब 70 साल का एक बुजुर्ग भी अपने बेटे की मदद से सुरक्षा घेरे के पास तक जा पहुंचा। जब बुजुर्ग को रोका गया तो उसने कहा कि 'बेटा बस एक बार मोदी नै देख लेण दे'।

    मोदी की चुटकी

    नरेंद्र मोदी ने हरियाणा के मुख्यमंत्री चौ.भूपेंद्र सिंह हुड्डा के ऊपर 'गुजरात का नमक खाने' की चुटकी ली, जिस पर जमकर ठहाके लगे। मोदी ने कहा कि आर्थिक तंगी के कारण वह स्वयं जामनगर के सैनिक स्कूल में नहीं पढ़ पाए, लेकिन हुड्डा ने जामनगर के सैनिक स्कूल में पढ़ते हुए गुजरात का नमक खाया है।

    वंदे मातरम् का नारा

    भाषण समाप्ति के बाद मोदी ने कई बार वंदे मातरम् का जयघोष करवाया।

    भावुक हुए मोदी

    रैली में उस समय लोग और स्वयं मोदी भी भावुक हो गए, जब उन्होंने कहा कि मैं मामूली घर में पैदा हुआ, कभी सोचा भी नहीं था कि प्रधानमंत्री पद का प्रत्याशी बनूंगा। मोदी ने कहा कि रेवाड़ी रैली की तारीख तय करते समय यह आभास नहीं था कि रैली से पहले पार्टी इतना बड़ा दायित्व देकर भरोसा जताएगी। 15 सितंबर को रेवाड़ी में पूर्व सैनिक रैली तो पहले से तय थी, लेकिन यह संयोग है कि 13 सितंबर को संसदीय बोर्ड ने मुझे प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बना दिया।

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