कश्मीर बंद, मीरवाईज नजरबंद
कश्मीर में अलगाववादियों ने राज्य से बाहर पढ़ने वाले कश्मीरी छात्रों के उत्पीड़न के खिलाफ आज कश्मीर बंद का आह्वान किया है।
श्रीनगर। देश के विभिन्न हिस्सों में कश्मीरी छात्रों के कथित उत्पीडऩ व उनके साथ मारपीट के खिलाफ मंगलवार को कश्मीर घाटी में पूर्ण हड़ताल से सामान्य जनजीवन लगभग ठप हो कर रह गया। बंद के दौरान कुछेक छिट-पुट हिंसक झढ़पों के अलावा स्थिति कुल मिलाकर शांत रही।
इस बीच, आल पार्टी हुर्रियत कांफ्रेंस के कटटरपंथ्ीा गुट के चेयरमैन सैययद अली शाह गिलानी, उदारवादी हुर्रियत प्रमुख मीरवाईज मौलवी उमर फारुक, नेशनल फ्रंट के चेयरमैन नईम अहमद खान,हिलाल वार समेत भी प्रमुख अलगाववादी नेताओं को पुलिस ने एहतियातन नजरबंद रखा। जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के चेयरमैन मोहम्मद यासीन मलिक को गत इतवार को आधी रात के बाद ही पुलिस ने एहतियातन हिरासत में ले लिया था। वह कोठीबाग पुलिस स्टेशन में बंद हैं।
बंद का आहवान जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट और आल पार्टी हुर्रियत कांफ्रेंस के कटटरपंथी गुट ने किया था। कश्मीर के सभी छोटे बड़े अलगाववादी संगठनों, कश्मीर बॉर एसोसिशन के अलावा कई आतंकी संगठनों ने भी बंद का समर्थन किया था।
अलगाववादियों का कहना है कि कश्मीरी छात्रों को दिल्ली,पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, मंंबई समेत देश के विभिन्न हिस्सों में एक साजिश के तहत प्रताडि़त किया जा रहा है। उनके साथ मारपीट की जाती है, उन्हें पुलिस द्वारा अकारण तंग किया जाता है। उन्होंने मेवाड़ से सात कश्मीरी छात्रों के निष्कासन का भी मुददा उठाया और कहा कि यहां एनआईटी श्रीनगर में गैर कश्मीरी छात्रों ने ही हंगामा किया ,लेकिन पूरे हिंदोस्तान में लोग उनके साथ आकर खड़े हो गए। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय भी गैर कश्मीरी एनआईटी छात्रों की सुध लेने पहुंच गया।
लेकिन कश्मीरी छात्रों के साथ जब देश के विभिन्न हिस्सों में मारपीट होती है,कोई साथ नहीं देता।
कश्मीरी छात्रों के उत्पीडऩ के खिलाफ आयोजित बंद को पूरी वादी में समर्थन मिला। सुबह से ही बंद का असर नजर आया। सभी दुकानें और व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे। सरकारी कार्यालय हालांकि खुले थे,लेकिन उनमें कर्मचारियों की उपस्थिति नाममात्र ही रही। सड़कों पर सार्वजनिक वाहन भी नजर नहीं आए। सिर्फ दुपहिया और निजी वाहन दिखे। लेकिन श्रीनगर-जम्मू राष्टï्रीय राजमार्ग और श्रीनगर को वादी के विभिन्न हिस्सों से जोउऩे वाली सड़कों पर सार्वजनिक यातायात बहाल था,लेकिन सामान्य दिनों से कहीं।
बंद के दौरान किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए थे। सभी संवेदनशील इलाकों में पुलिस और अर्धसैनिकबलों के जवान दिनभर गश्त करते रहे। हालांकि बंद के दौरान स्थिति शांत ही रही,लेकिन सुबह सवेरे डाऊन-टाऊन में नौहटटा व उसके साथ सटे इलाकों में और दक्षिण कश्मीर के काकपोरा में जरुर कुछ लोगों ने जुलूस निकाला। पुलिस द्वारा रोके जाने पर इन लोगों ने पथराव भी किया। लेकिन पुलिस ने हल्का बल प्रयोग कर उन्हें खदेड़ दिया।
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