Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    संयुक्त राष्ट्र ने कश्मीरियों को मायूस किया: मीरवाइज

    By Bhupendra SinghEdited By:
    Updated: Thu, 10 Dec 2015 06:25 AM (IST)

    उदारवादी हुर्रियत कांफ्रेंस के चेयरमैन मीरवाइज मौलवी उमर फारूक ने बुधवार को कहा कि संयुक्त राष्ट्र ने कश्मीरियों को मायूस किया है। संयुक्त राष्ट्र कश्मीर मुद्दे पर अपनी भूमिका निभाने और मानवाधिकार हनन को रोकने में नाकाम रहा है।

    Hero Image

    राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। उदारवादी हुर्रियत कांफ्रेंस के चेयरमैन मीरवाइज मौलवी उमर फारूक ने बुधवार को कहा कि संयुक्त राष्ट्र ने कश्मीरियों को मायूस किया है। संयुक्त राष्ट्र कश्मीर मुद्दे पर अपनी भूमिका निभाने और मानवाधिकार हनन को रोकने में नाकाम रहा है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    हुर्रियत कांफ्रेंस मुख्यालय में कश्मीर में मानवाधिकार हनन के प्रति विश्व समुदाय की उदासीनता विषय पर आयोजित सेमिनार में उन्होंने कहा कि मानवाधिकारों के संरक्षण के प्रति पूरे विश्व में एक वार्षिक अभियान शुरू करने जा रहा संयुक्त राष्ट्र जम्मू-कश्मीर में कश्मीरियों के मानवाधिकार संरक्षण में नाकाम रहा है। कश्मीरियों के मानवाधिकार, राजनैतिक व आर्थिक अधिकार हिन्दुस्तान अपनी फौजी ताकत के दम पर दबा रहा है। हिन्दुस्तान की सरकार कश्मीरियों को उनके राजनैतिक व आर्थिक अधिकारों से वंचित करने के अलावा प्राकृतिक संसाधनों की लूटखसोट कर उन्हें बर्बाद कर रही है।

    मीरवाइज ने कहा कि कश्मीर की आजादी की मांग करने वाले राजनीतिक नेताओं की नजरबंदी, नौजवानों की गिरफ्तारियां और आम लोगों को उनके मजहबी कार्यों से रोकना, यह सब मानवाधिकारों का उल्लंघन ही है। कश्मीर में सरकारी दहशतगर्दी ने अपनी सारी हदें पार कर दी हैं। कश्मीर में दस हजार से ज्यादा लोग गायब हैं। हजारों गुमनाम कब्रों में दफन हैं, लेकिन अंतरराष्ट्रीय समुदाय चुप है।

    हुर्रियत प्रमुख ने कहा कि कश्मीर में अफस्पा और पीएसए जैसे काले कानूनों का इस्तेमाल कश्मीरियों की आवाज दबाने के लिए किया जा रहा है। कश्मीर में जारी मानवाधिकारों के हनन के प्रति संयुक्त राष्ट्र की चुप्पी शर्मनाक और अफसोसजनक है।

    इस दौरान उन्होंने भारत-पाक के बीच वार्ता बहाली का स्वागत करते हुए कहा कि जब तक दोनों मुल्क कश्मीर मसले पर बातचीत कर कश्मीरियों की उम्मीदों के मुताबिक इसका हल नहीं निकालेंगे तब तक दोनों मुल्कों के बीच दोस्ती और बातचीत कामयाब नहीं हो सकती।