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    म्यांमार में सैन्‍य कार्रवाई का दूर तक होगा असर

    By Sanjay BhardwajEdited By:
    Updated: Wed, 10 Jun 2015 11:58 AM (IST)

    मणिपुर में सेना के काफिले पर हमला करने वाले उग्रवादियों के खिलाफ म्‍यांमार की सीमा में घुसकर की गई कार्रवाई ने न केवल पूर्वोत्‍तर में सक्रिय उग्रवादियों को कड़ा संदेश दिया है बल्कि इन्हें पोषित करने वालों को भी परिणाम भुगतने की चेतावनी दे दी है।

    नई दिल्ली। मणिपुर में सेना के काफिले पर हमला करने वाले उग्रवादियों के खिलाफ म्यांमार की सीमा में घुसकर की गई कार्रवाई ने न केवल पूर्वोत्तर में सक्रिय उग्रवादियों को कड़ा संदेश दिया है बल्कि इन्हें पोषित करने वालों को भी परिणाम भुगतने की चेतावनी दे दी है।

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    उग्रवादियों को सबक सिखाने वाली इस कार्रवाई के लिए सोशल मीडिया पर सेना और सरकार की सराहना हो रही है। यह लाजिमी है। ऐसे कदम से उग्रवादियों, नक्सलियों और आतंकियों के हौसले पस्त तो होंगे ही, साथ ही इन्हें संरक्षण देने वाले चीन और पाकिस्तान को भी सख्त संदेश जाएगा।

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    उग्रवादियों और आतंकियों की गतिविधियों का सामना करने के मामले में भारत की नरम राष्ट्र की छवि मानी जाती रही है। लेकिन इस कार्रवाई ने मोदी सरकार की आतंकवाद के खिलाफ 'जीरो टाॅलरेंस' नीति की प्रतिबद्धता को दर्शाया है। पहले की सरकार के नरम रुख की वजह से सीमा पर ऐसे हालात बने रहते थे कि सेना चाहकर भी कार्रवाई नहीं कर पाती थी। पर मौका मिलते ही उन्होंने अपनी क्षमता को प्रदर्शित कर दिया है।

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    चीन पूर्वोत्तर सीमा पर अपने हितों के प्रति तो सतर्क है लेकिन भारतीय हितों की रक्षा के प्रश्न पर उसकी ओर से न्यूनतम संवेदनशीलता का भी परिचय नहीं दिखाया जाता। पाकिस्तान का रवैया तो सिरे से आपत्तिजनक और आतंकी देश सरीखा है।

    अब समय आ गया है कि भारत को गुलाम कश्मीर में भी पाकिस्तान के संरक्षण में चलने वाले आतंकियों के अड्डे के खिलाफ कार्रवाई करने के बारे में गंभीरता से विचार करना चाहिए। इसके लिए वैश्विक समुदाय की मदद भी ली जा सकती है। मालूम हो कि चीन, अमेरिका, इजरायल ऐसी कार्रवाई पहले करता रहा है।

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    इस क्रम में नक्सलियों के प्रति भी सख्त रवैये अपनाने की जरूरत है। नक्सली जानबूझकर आतंक के रास्ते पर चल रहे हैं और उनके प्रति नरमी बरतने का कहीं कोई औचित्य नहीं बनता। ये आए दिन हमारे सुरक्षा बलों को निशाना बनाते हैं और हम चुपचाप हाथ पर हाथ धरे बैठे रह जाते हैं।

    इस कार्रवाई ने देशवासियों के मनोबल को ऊंचा किया है। यही वजह है कि सोशल मीडिया में भारतीय सेना की खूब वाहवाही हो रही है और ट्विटर पर 'INDIANARMYROCKS' और 'The warriors' जैसी हैश टैग टॉप पर ट्रेंड कर रहे हैं। कई लोगों ने आर्मी के लिए बधाई संदेश दिए हैं और आगे भी ऐसी कार्रवाई का भरोसा जताया है। मनीष लिखते हैं, 'मेरा सिर आज गर्व से ऊंचा है।' वहीं प्रियंका पुलेकर कहती हैं, 'मैं अपनी आर्मी का सलाम करती हूं। साहसिक फैसला लाने वाले नेतृत्व को भी बधाई।' संजय राठौड़ का लिखते हैं, 'हमारे पास नरेंद्र मोदी जैसे नेता हैं, जिनका कहना है 1 के बदले 10।'