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    मणिपुर में उग्रवादी हमले के दिन ही ले लिया गया था सर्जिकल ऑपरेशन का फ़ैसला

    By Sudhir JhaEdited By:
    Updated: Wed, 10 Jun 2015 02:54 PM (IST)

    म्यांमार में उग्रवादियों के खिलाफ कार्रवाई की मंजूरी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दी थी। एक टीवी समाचार चैनल के साथ बातचीत में केंद्रीय मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर ने इस बात का खुलासा किया। इस ऑपरेशन में उग्रवादियों के दो शिविरों को पूरी तरह से तबाह कर दिया गया। उधर, बताया

    नई दिल्ली। म्यांमार में उग्रवादियों के खिलाफ कार्रवाई की मंजूरी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दी थी। एक टीवी समाचार चैनल के साथ बातचीत में केंद्रीय मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर ने इस बात का खुलासा किया। इस ऑपरेशन में उग्रवादियों के दो शिविरों को पूरी तरह से तबाह कर दिया गया। उधर, बताया गया है कि उग्रवादियों के खिलाफ सर्जिकल ऑपरेशन का फ़ैसला मणिपुर में उग्रवादी हमले के दिन चार जून को ही ले लिया गया था । बैठक में गृहमंत्री, रक्षा मंत्री, एनएसए, आइबी प्रमुख, रा प्रमुख, सेनाध्यक्ष, गृह सचिव और रक्षा सचिव मौजूद थे। पहले 72 घंटे के अंदर ऑपरेशन पर किया गया था विचार, लेकिन सेना ने इसके लिये मना कर दिया। फिर सोमवार का दिन तय किया गया। लेकिन अंतत मंगलवार को ऑपरेशन हुआ।

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    राठौर ने समाचार चैनल से बातचीत में कहा कि इन उग्रवादियों की आदत बन गई थी कि वे सेना या अर्धसैनिक बलों अथवा देश के नागरिकों पर हमले करते थे और उसके बाद में भागकर सीमापार स्थित अपने सुरक्षित पनाहगाह में शरण ले लेते थे। उन्हें पूरा विश्वास रहता था कि भारतीय सेना उनका पीछा नहीं करेंगी।

    राठौर ने कहा कि उग्रवादियों के लिए अब बिल्कुल स्पष्ट संदेश है। अब हम उन्हें छोड़ने वाले नहीं हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या भारत यह रणनीति अन्य क्षेत्रों जैसे पश्चिमी क्षेत्र जिसका मतलब है पाकिस्तान में भी अपनायेगा, राठौर ने कहा, नि:संदेह उन सभी देशों को एक संदेश है जो आतंकवादी इरादे रखते हैं। राठौर ने म्यामांर में सेना के अभियान की प्रशंसा की और कहा कि यह एक शुरूआत है।

    यह पूछे जाने पर कि क्या भारतीय सेना के अभियान को म्यामांर की सेना और वहां की सरकार का समर्थन प्राप्त था, राठौर ने कहा कि म्यांमार एक मित्र देश है और इसलिए उनका पूर्ण सहयोग था।

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