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सैनिक कॉलोनी के मुद्दे पर जब आपस में टकराए महबूबा- उमर अब्दुल्ला

सैनिक कॉलोनी के मुद्दे पर महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला एक दूसरे के विरोध में हैं। महबूबा ने कहा कि किसी को भी राज्य में अशांति फैलाने की अनुमति नहीं दी जा सकती है।

By Lalit RaiEdited By: Published: Mon, 06 Jun 2016 12:12 PM (IST)Updated: Mon, 06 Jun 2016 06:03 PM (IST)
सैनिक कॉलोनी के मुद्दे पर जब आपस में टकराए महबूबा- उमर अब्दुल्ला

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। राज्य विधानसभा में सोमवार को मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के बीच सैनिक कॉलोनी के मुददे पर तीखी तकरार हुई। इस दौरान मुख्यमंत्री ने आधारहीन खबरों के लिए मीडिया को सख्त कार्रवाई की चेतावनी देते हुए पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला पर ट्वीट के जरिए रियासत में आग लगाने की कोशिश का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि मैं यहां ऐश करने नहीं आयी हूं।

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उमर ने भी जवाबी प्रहार किया और कहा हम आपके नक्शे-कदम पर चल आग नहीं लगाएंगे। लेकिन मुझे उस मामले में मत घसीटिए जिसे मैने नहीं उठाया। अलबत्ता, मामले को तूल देने वाले निर्दलीय विधायक इंजीनियर रशीद इस वाद-विवाद में बिल्कुल शामिल नहीं हुए। वह अपनी सीट पर बैठ कर महबूबा-उमर में जारी तकरार का मजा लेते रहे।
लगभग 25 मिनट तक सदन में यह हंगामा चला। प्रश्नकाल शुरु होने के तुरंत बाद निर्दलीय विधायक इंजीनियर रशीद एक स्थानीय अंग्रेजी दैनिक अपने हाथ में ले वैल में पहुंच गए। उन्होंने कहा कि इस अखबार में लिखा गया है कि रंगरेथ में एक कॉलोनी बन रही है जो सैनिक कॉलोनी हो सकती है। इसके बाद नेकां और कांग्रेस के सदस्यों ने भी अपनी सीटों पर खड़े होकर जवाब मांगना शुरु कर दिया।


महबूबा का हमला
मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती जो उसी समय सदन में पहुंची थी, ने अपनी सीट पर खड़े होकर कहा कि यहां कुछ मीडिया वाले और विपक्ष के सदस्य एक ऐसे मुददे को उछाल रहे हैं,जो कहीं नहीं है। उनका मकसद सिर्फ रियासत में अमन का माहौल खराब कर यहां आग लगाना है।
अखबार में छपी तस्वीर और खबर में कोई सच्चाई नहीं है। यह जैकलाई सेंटर में संबधित सैन्यकर्मियों के लिए फैमिली क्वार्टर बन रहे हैं। मै नहीं जानती कि यह अखबार क्या होते हैं, क्या यह इस रियासत में आग लगाना चाहते हैं। खबर लिखने से पहले उसकी सच्चाई जाननी चाहिए थी। विपक्ष के एक सदस्य ने अखबार लाया है, मैं उसका नाम लेकर उसे अहमियत नहीं देना चाहती। लेकिन अगर किसी ने रियासत में अमन का माहौल खराब करने की कोशिश की तो उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई होगी।
उन्होंने सामने बैठे विपक्ष के नेता उमर अब्दुल्ला की तरफ देखते हुए मुझसे पहले उमर साहब भी मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठ चुके हैं, वह भी इस मामले पर लगातार ट्वीट किए जा रहे हैं। उन्होंने सैनिक कॉलोनी के मुददे पर चार बैठकों में भाग लिया और जमीन की निशानदेही के लिए कहा है। अब वह ट्वीट पर ट्वीट किए जा रहे हैं। आप यहां लोगों को भड़काना चाहते हैं,आग लगाना चाहते हैं
महबूबा मुफ्ती ने कहा कि मैं यहां सीएम की कुर्सी पर ऐश करने के लिए नहीं बैठी। मैं चाहे इस कुर्सी पर एक दिन बैठूं या दो दिन या फिर दो साल, मैं किसी को राज्य के लोगों के साथ खिलवाड़ नहीं करनें दूंगी। मैने पहले ही कहा है कि यहां कोई कॉलोनी नहीं बन रही है। जम्मू में 1975 में स्व. शेख मोहम्मद अब्दुल्ला ने सैनिक कालोनी बनाई थी। इसी तरह कश्मीर में भी प्रस्ताव है। लेकिन यह कॉलोनी सेना नहीं बना सकती, यह राज्य सरकार के अधीन है और सिर्फ स्टेट सब्जेक्ट के लिए होगी। लेकिन अभी इसके लिए कोई जगह नहीं है।

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उमर का जवाब
उमर अब्दुल्ला ने कहा कि बेशक आपको में टवीट से चिढ़ है। लेकिन यह मैं बंद नहीं करुंगा। मैने कुछ गलत नहीं कहा और न दिखाया है। आप लोगों ने जो मेरे कार्यकाल में किया, अगर मैं आपके नक्शे कदम पर चलूंगा तो यहां हालात आग लगेगी, लेकिन हम ऐसा नहीं करेंगे। बेशक आपने विपक्ष में रहते हुए ऐसा किया।
उन्होंने अपने मोबाईल पर सैनिक कालोनी के लिए जमीन की निशानदेही संबधित आदेश की तस्वीर दिखाते हुए कहा मैंने तो सिर्फ इसका ही जिक्र किया था। मैने जरुर सैनिक बोड्र की बैठकों में हिस्सा लिया है। लेकिन कोई आदेश जारी नहीं किया। अगर किया है तो दिखाईए। मैने तो सिर्फ यही कहा था कि सैनिक कालोनी में आप नॉन स्टेट सब्जेक्ट को जगह नहीं देंगी, स्पष्टï करें। आपने कहा कि ऐसा कोई प्रावधान गैर रियासती लोगों के लिए नहीं है। आपने स्पष्टï कर दिया, हमने यह मुददा नहीं उठाया।
अगर आप अपने फायदे के लिए यहां नहीं बैठी हैं तो मैं भी यहां अपने लिए नहीं बैठा हूं। आपने मेेरे टवीट पर बात की है तो मैं टवीट करना नहीं छोडूंगा। अगर मेरे टवीट से आपका मूड बिगड़ता है,उससे आपको चिढ़ होती है तो मैं कुछ नहीं कर सकता। मैं इसे बंद नहीं करुंगा,क्योंकि आम लोगों के हित की बात करता हूं और उनके लिए आपको जवाबदेय बनाता हूं। इसके लिए मैं माफी नहीं मांगूगा। वैसे भी आप मुझे उस मामले में मत घसीटिए जो मैने नहीं एक अन्य सदस्य ने उठाया है।
कांग्रेस नेता जोरा ने मुख्यमंत्री महबूबा मुफती द्वारा मीडिया और विपक्ष पर रियासत के हालात खराब करने काआरोप लगाए जाने पर एतराज जताते हुए कहा कि मैडम आप बताईए अनंतनाग में जो हुआ,क्या वह मीडिया के कारण हुआ है।

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