कश्मीरी पंडित व सैनिक कॉलोनी के खिलाफ करें प्रदर्शन
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : वादी में कश्मीरी पंडित कॉलोनी व सैनिक कॉलोनी बनाए जाने के खिलाफ मंगलवार को अ
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : वादी में कश्मीरी पंडित कॉलोनी व सैनिक कॉलोनी बनाए जाने के खिलाफ मंगलवार को अलगाववादी खेमे ने शुक्रवार को नमाज-जुम्मा के बाद काले झंडों के साथ लोगों को प्रदर्शन करने के लिए कहा है।
कट्टरपंथी गिलानी और उदारवादी हुर्रियत के प्रमुख मीरवाइज मौलवी उमर फारूक ने लोगों को इन कॉलोनियों के मुद्दे पर एकजुट होकर रोष जताने को कहा है।
इस बीच, मीरवाइज मौलवी व उनके प्रवक्ता शाहिद उल इस्लाम को आज एक सप्ताह के बाद पुलिस ने नजरबंदी से मुक्त कर दिया। दोनों को घरों के बाहर बैठाया गया पुलिस पहरा भी हटा लिया गया।
गौरतलब है कि कश्मीरी पंडितों की वापसी के लिए कश्मीर में कॉलोनी बनाए जाने और राज्य के सैनिकों के लिए आवासीय कॉलोनी के खिलाफ सभी अलगाववादी संगठन लामबंद हो चुके हैं। जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के चेयरमैन मुहम्मद यासीन मलिक ने इन प्रस्तावित कॉलोनियों के खिलाफ सभी अलगाववादी संगठनों को मिलकर अभियान चलाने के लिए तैयार करने में अहम भूमिका अदा की है। पुलिस ने उन्हें पिछले सप्ताह गिरफ्तार किया था। फिलहाल वह सेंट्रल जेल श्रीनगर में बंद हैं।
गिलानी और मीरवाइज ने दोपहर बाद अलग-अलग बयान जारी कर कहा कि तीन जून को पूरी वादी में लोग विशेषकर जिला व तहसील मुख्यालय में नमाज-ए-जुम्मा अदा करने के बाद काले झंडों के साथ इन कॉलोनियों के खिलाफ प्रदर्शन करें। उन्होंने कहा कि कश्मीर में आरएसएस का एजेंडा लागू कर, कश्मीरी मुस्लिमों को अल्पसंख्यक बनाए जाने की साजिश को नाकाम बनाने के लिए कश्मीरी अवाम को तैयार हो जाना चाहिए।
मीरवाइज ने लोगों से कहा कि वह नई दिल्ली की साजिशों के खिलाफ ठीक उसी तरह एकजुट हो जाएं, जैसे वर्ष 2008 में एकजुट होकर श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड को कश्मीर की जमीन सौंपने की साजिश नाकाम की थी।