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हिंसा का कोई धर्म नहीं होता : महबूबा

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : राज्य के युवा अतीत की कड़वाहटों को भुला कर सुख, शांति व समृद्घि की बहाली के

By Edited By: Published: Mon, 06 Jun 2016 01:01 AM (IST)Updated: Mon, 06 Jun 2016 01:01 AM (IST)

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : राज्य के युवा अतीत की कड़वाहटों को भुला कर सुख, शांति व समृद्घि की बहाली के लिए आंदोलन का हिस्सा बनें। हिंसा का कोई धर्म नहीं होता। नौजवानों को लोगों को तबाही और हिंसा के खिलाफ मजबूत आवाज बनना होगा।

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मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने रविवार को जैकलाई रेजिमेंटल सेंटर में आयोजित राष्ट्रीय एकता शिविर-2016 में भाग लेने के लिए देशभर से आए नेशनल कैडेट कोर (एनसीसी) के कैडटों को संबोधित कर रही थीं। उन्होंने बीएसएफ जवानों और पुलिसकर्मियों पर हुए आतंकी हमलों का जिक्र करते हुए कहा कि यह निरर्थक हिंसा सिर्फ तबाही के अलावा कुछ नहीं दे सकती। हमें दुनियाभर के मुस्लिम मुल्कों जिनमें हमारे पड़ोसी देश पाकिस्तान व अफगानिस्तान भी हैं, में जारी नृशंस हिंसा के कारणों पर गौर करना चाहिए।

महबूबा ने कहा कि राज्य के लोगों ने कभी सांप्रदायिक असहिष्णुता को यहां हावी नहीं होने दिया। इसलिए मुझे उम्मीद है कि पढ़े-लिखे और समझदार युवा हमें तबाही और मौत के इस दलदल से बाहर ले जाएंगे।

महबूबा ने युवाओं को नाजुक व रणनीतिक संपत्ति की संज्ञा देते हुए कहा कि युवा मन बहुत कच्चा होता है। वह किसी भी अच्छे और बुरे प्रभाव से प्रभावित हो सकते हैं। आज का नौजवान स्मार्ट फोन के साथ अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं अपने नौजवान लड़के-लड़कियों से आग्रह करती हूं कि वह अवसरों का लाभ उठाते हुए न सिर्फ अपना बल्कि अपने परिजनों और रियासत का भी भविष्य सुखद बनाएं। उन्होंने आइएएस, आइपीएस, आइआइटी व आइआइएम जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं में राज्य के युवाओं की सफलताओं का जिक्र किया।

महबूबा ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम न सिर्फ उनमें नेतृत्व की भावना पैदा करते हैं बल्कि उनमें सामाजिक उत्थान में भाग लेने की क्षमता विकसित करने के लिए युवाओं की मदद कर उन्हें मादक पदार्थो के सेवन और अन्य अस्वस्थ प्रथाओं से मुक्तरखकर एक स्वस्थ जीवन शैली देते हैं।

मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न उपलब्धियों के लिए कैडेटों की सराहना की। उन्होंने कहा कि इस तरह के शिविर देश की समृद्ध संस्कृति, विरासत और कई भाषाओं की विशालता को समझने में मदद करते हैं। महबूबा ने कहा कि विभिन्न राज्यों के एनसीसी कैडेट कश्मीर की सुंदरता को देखें और असली सद्भावना दूत बन सकते हैं। इससे पूर्व मुख्यमंत्री के शिविर में पहुंचने पर अतिरिक्तमहानिदेशक एनसीसी जम्मू-कश्मीर मेजर जनरल एसएस जाखड़ ने उनका स्वागत किया। लद्दाख से चार महिला एनसीसी कैडेटों ने हाल ही में माउंट एवरेस्ट पर्वतारोहण किया। कई एनसीसी कैडेट कमीशन अधिकारी के रूप में सेना में शामिल हुए हैं।


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