..तब मनमोहन हल्का काम चाहते थे लेकिन राजी नहीं हुई इंदिरा
दस वर्षोतक बतौर प्रधानमंत्री संप्रग सरकार चलाने वाले मनमोहन सिंह 50 की उम्र में हल्का काम चाहते लेकिन तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने उन्हें रिजर्व बैंक
नई दिल्ली। दस वर्षो तक बतौर प्रधानमंत्री संप्रग सरकार चलाने वाले मनमोहन सिंह 50 की उम्र में हल्का काम चाहते थे लेकिन तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने उन्हें रिजर्व बैंक का गवर्नर बनने को कहा था, क्योंकि हल्का काम करने के लिए उनकी उम्र बहुत कम थी। यह रहस्योद्घाटन एक नई किताब में उनकी बेटी ने किया है।
मनमोहन की तीन बेटियां हैं जिसमें से दूसरी बेटी दमन सिंह 'स्ट्रिक्टली पर्सनल : मनमोहन एंड गुरशरण' की लेखिका हैं। दमन ने पुस्तक में लिखा है, 'इंदिरा गांधी चाहती थीं कि योजना आयोग के सदस्य के रूप में मनमोहन सिंह छठी पंचवर्षीय योजना (1980-85) की तैयारी करें। लेकिन जब मनमोहन ने सिविल सर्विस से दस साल पहले सेवानिवृत्ति लेने में कठिनाई का अनुभव किया तो इंदिरा जी ने उदारता भी दिखाई। समाधान का रास्ता भी निकाला। तब मनमोहन को सदस्य सचिव बनाया गया, जिसके लिए उन्हें इस्तीफा देने की जरूरत नहीं थी।' माता-पिता से बातचीत और अपने शोध के आधार पर 48 वर्षीय दमन ने लिखा, 'ढाई साल बाद वह उन्हें रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया का गवर्नर नियुक्त करना चाहती थीं। जब सिंह उनसे मिलने गए तो उन्होंने कहा कि वह आसान विकल्प की तलाश कर रहे हैं। उन्होंने एक हल्की मुस्कान के साथ देखा और कहा, आप तो महज 50 साल के हैं। आसान काम के लिए आपकी उम्र बहुत कम है।' इस किताब में मनमोहन सिंह के अतीत के बारे में कुछ रोचक अंश भी हैं।
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