एक वर्ष का हुआ मंगलयान, इसरो ने मनाया जन्म दिन
अंतरिक्ष इतिहास में प्रतिष्ठित जगह दिलाने वाला भारत का मंगल अभियान गुरुवार को एक वर्ष का हो गया। इसके एक वर्ष पूरा होने के मौके पर अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने मंगल एटलस जारी किया है।

बेंगलुरु। अंतरिक्ष इतिहास में प्रतिष्ठित जगह दिलाने वाला भारत का मंगल अभियान गुरुवार को एक वर्ष का हो गया। इसके एक वर्ष पूरा होने के मौके पर अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने मंगल एटलस जारी किया है। मंगल की परिक्रमा में जुटा यह उपग्रह कई वर्ष तक सक्रिय रह सकता है।
एटलस में मार्स कलर कैमरा (एमसीसी) से ली गई तस्वीरें हैं। वैज्ञानिक एटलस के रूप में अन्य पेलोड द्वारा प्राप्त परिणामों को भी शामिल किया गया है। इसके अलावा 5 नवंबर को इसरो मंगल उपग्रह अभियान (एमओएम) की सालगिरह के मौके पर 'फीशिंग हैमलेट टू मार्स' नाम से किताब भी लाने जा रहा है।
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पिछले वर्ष इसी दिन भारत ने अंतरिक्ष इतिहास लिखा था। पहले ही प्रयास में देश का कम खर्च वाले मंगल अंतरिक्ष यान ने लाल ग्रह की कक्षा में प्रवेश किया था। इसी प्रयास के साथ तीन देशों के विशिष्ट वर्ग में भारत को जगह मिली। धरती से विदा होने के करीब एक वर्ष बाद अंतरिक्ष यान ने मंगल की कक्षा में 24 सितंबर को प्रवेश किया था।
मात्र तीन एजेंसियों के पास मंगल अभियान है। इनमें यूरोपीय संघ की यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (इएसए), अमेरिका के नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) और रूस का सोस्कोस्मोस ही शामिल हैं।
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बढ़ी जिंदगी : मंगल कृत्रिम उपग्रह अंतरिक्ष यान के बारे में अब इसरो का कहना है कि यह कई वर्षो तक काम करता रहेगा। पहले इसकी उम्र केवल छह माह बताई गई थी और इस वर्ष मार्च महीने में और छह माह उम्र बढ़ा दी गई।
अभियान का लक्ष्य : इसरो के मंगल अभियान का लक्ष्य लाल ग्रह तक पहुंचने की देश की क्षमता स्थापित करना और मंगल में जीवन के संकेत के रूप में मीथेन की उपलब्धता का पता लगाना है।

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