क्या रही मोदी सरकार के दो सालों की बड़ी उपलब्धियां
मोदी सरकार का दो साल का कार्यकाल पूरा हो चुका है। उनकी सरकार के प्रयासों की बदौलत देश का जीडीपी विकास दर 7 के पार पहुंचा।
नई दिल्ली, जेएनएन। मोदी सरकार ने पिछले दो सालों में देश के आर्थिक व सामाजिक विकास के क्षेत्र में काफी तेजी से काम किए हैं। जहां उन्होंने जीडीपी विकास दर को 7 के पार पहुंचाया, तो किसानों के खेत में हरियाली के लिए के लिए भी भरसक प्रयास किए हैं। जानिए मोदी सरकार के प्रयासों और उपलब्धियों का पूरा हाल.
भारतीय अर्थव्यवस्था की रफ्तार
भारत की जीडीपी विकास दर 7.4% हो गई है। ये दुनिया की सभी बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सबसे अधिक है। मूडीज ने हाल में भारत की रेटिंग को ‘स्टेबल’ से अपग्रेड करके “पॉजिटिव” स्थान पर रख दिया है। भारत का चालू खाता घाटा बीते साल जीडीपी के मुकाबले 4.7% के स्तर से इस साल जीडीपी का 1.7% रह गया है। साथ ही विदेशी मुद्रा भंडार में भी काफी बढ़ोतरी हुई है। अब ये 309.4 अरब डॉलर से बढ़कर 343.2 अरब डॉलर हो गया है।
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शिक्षा क्षेत्र में देश की दिशा
प्रधानमंत्री विद्यालक्ष्मी कार्यक्रम के माध्यम से शिक्षा ऋणों और छात्रवृत्तियों के लिए पूर्ण रूप से आईटी आधारित वित्तीय सहायता प्राधिकरण की स्थापना की गई। अध्यापन की क्वालिटी को बढ़ाने के लिए पंडित मदन मोहन मालवीय शिक्षक प्रशिक्षण मिशन शुरू किया गया। भारतीय छात्रों को अंतरराष्ट्रीय एक्सपोजर देने के लिए ग्लोबल इनीशिएटिव ऑफ एकेडमिक नेटवर्क (GIAN) की शुरुआत हुई। जिसके तहत देश के उच्च शिक्षा संस्थानों में गर्मी और सर्दी के छुट्टियों के दौरान अनिय देशों के फैकल्टी, वैज्ञानिकों और उद्यमियों को बुलाया जाएगा।
ऑनलाइन शिक्षा को सक्षम बनाने के लिए ‘स्वयं’ बड़े स्तर पर मुक्त ऑनलाइन कोर्स को बढ़ावा देगा। नेशनल ई-लाइब्रेरी पढ़ाई लिखाई से जुड़़ी चीजों को बढ़ावा देगी। शाला दर्पण के जरुए अभिभावक स्कूल से जुड़ सकेंगे, ताकि बच्चों की की निगरानी कर सकें। अप्रैंटिसशिप कानून में संशोधन के जरिए ऑन-जॉब ट्रेनिंग के अवसरों में बढ़ोतरी का रास्ता साफ हो गया है। सरकार अगले ढाई सालों में 50% स्टाइपेंड शेयर करके एक लाख अप्रैंटिसशिप को समर्थन देगी। सरकार की योजना है कि मौजूदा 2.9 लाख के मुकाबले अगले कुछ सालों में 20 लाख से अधिक अप्रैंटिश देने की है।
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रेल के जरिए देश को कोने-कोने से जोड़ने की कवायद
रेलवे ने यात्रियों के लिए रेलवे स्टेशनों पर वाई-फाई, यात्री हेल्पलाइन (138), सुरक्षा हेल्पलाइन (182), कागजरहित अनारक्षित टिकट प्रणाली, ई-कैटरिंग, मोबाइल सिक्योरिटी ऐप और महिलाओं की सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरा जैसी अनगिनत सुविधाओं की शुरुआत की है। मुंबई-अहमदाबाद कॉरिडोर के बीच हाई स्पीड बुलेट ट्रेन की योजना बनाई गई है।
राज्यों में सशक्तिकरण को बढ़ावा
राज्यों को मजबूती देने के लिए नीति आयोग का गठन किया गया। नीति आयोग का विजन प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्रियों के लिए गांव स्तर पर विश्वसनीय योजनाएं बनाने की प्रणाली विकसित करेगा। साथ ही एनडीए सरकार ने 14वें वित्त आयोग की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया है। इससे राज्यों को कर राजस्व का 42% हिस्सा मिलेगा, जबकि पहले ये आंकड़ा 32% था।
बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ
पीएम ने 22 जनवरी 2015 को बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की शुरूआत हरियाणा के पानीपत में की थी। इस योजना से पूरे शिशु लिंग अनुपात में कमी को रोकने में मदद मिलती है। साथ ही महिलाओं के सशक्तीकरण से जुड़े मुद्दों का समाधान होता है। इस योजना को तीन मंत्रालयों द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है। इसमें महिला और बाल विकास मंत्रालय, स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्रालय तथा मानव संसाधन मंत्रालय शामिल है।
नमामि गंगे मिशन
सरकार गंगा नदी के प्रदूषण को समाप्त करने के लिए ‘नमामि गंगे’ नाम की एक एकीकृत गंगा संरक्षण मिशन चला रही है। जिसके लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने नदी की सफाई के बजट को चार गुना करते हुए 2019-20 तक नदी की सफाई पर 20,000 करोड़ रुपए खर्च करने की केंद्र की प्रस्तावित कार्य योजना को मंजूरी दी। इसे केंद्र की 100% हिस्सेदारी के साथ एक केंद्रीय योजना का रूप दिया गया है।
विकास कार्यों में पारदर्शिता
सुप्रीम कोर्ट के कोयला ब्लाक आवंटन प्रक्रिया रद्द करने के फैसले के बाद सरकार ने तेजी दिखाते हुए पारदर्शी और समयबद्ध नीलामी सुनिश्चित की। जिससे 67 कोयला ब्लाक की नीलामी और आवंटन की प्रक्रिया 3.35 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गई। डिफेंस बैंड आइडेंटीफिकेशन का जटिल मुद्दे का समाधान किया गया। पर्यावरण मंत्रालय ने पर्यावरण संबंधी मंजूरियों के लिए ऑनलाइन आवेदन लेने की प्रक्रिया शुरू की। जिससे अब आवेदन की ऑनलाइन निगरानी की जा सकती है। काले धन के मोर्चे पर सरकार ने पहले दिन ही एसआईटी का गठन किया। सरकार स्विस बैंक के साथ मिलकर काम कर रही है.
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प्रत्यक्ष विदेशी निवेश
रक्षा, निर्माण और रेलवे में निवेश की सीमा और नियंत्रण को सरल करने के लिए सरकार ने अब वैश्विक साझेदारी के रास्ते खोल दिए हैं। रक्षा क्षेत्र में नीति को उदार बनाते हुए एफडीआई सीमा को 26% से बढ़ाकर 49% कर दिया गया है। रक्षा क्षेत्र में ऑटोमेटिक रूट के जरिए 24% तक पोर्टफोलियो इनवेस्टमेंट की जा सकती है। रक्षा क्षेत्र में अलग-अलग मामलों के आधार पर अत्याधुनिक एवं उत्कृष्ट तकनीक के लिए सौ प्रतिशत एफडीआई की अनुमति दी गई। कुछ विशेष रेल ढांचागत परियोजनाओं में ऑटोमेटिक रूट के तहत निर्माण, परिचालन और रखरखाव के लिए 100% एफडीआई की भी मंजूरी दी गई।