कल्याण सिंह के नाम पर भड़के वामदल, वाकआउट
वाममोर्चा विधायक दल ने उत्तर प्रदेश (यूपी) के पूर्व मुख्यमंत्री व भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता कल्याण सिंह का नाम नहीं लेते हुए सरकारिया आयोग की सिफारिश के मुताबिक, बंगाल में राज्यपाल नियुक्त करने के लिए धारा 1
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। वाममोर्चा विधायक दल ने उत्तर प्रदेश (यूपी) के पूर्व मुख्यमंत्री व भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता कल्याण सिंह का नाम नहीं लेते हुए सरकारिया आयोग की सिफारिश के मुताबिक, बंगाल में राज्यपाल नियुक्त करने के लिए धारा 194 के तहत मंगलवार को विधानसभा में नोटिस दी, लेकिन स्पीकर विमान बंद्योपाध्याय के स्वीकार नहीं करने पर वामो विधायकों ने हंगामा बरपाते हुए सदन से बहिर्गमन किया।
बाद में विपक्ष के नेता सूर्यकांत मिश्र ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि केंद्र सरकार कल्याण सिंह को पश्चिम बंगाल का राज्यपाल बनाने की तैयारी कर रही है। बाबरी मस्जिद ध्वस्त कराने वाले कल्याण सिंह को पश्चिम बंगाल में राज्यपाल बना कर भेजने का कोई औचित्य नहीं है। आपसी सद्भाव व धर्मनिरपेक्षता में विश्वास करने वाली राज्य की जनता यह पसंद नहीं करेगी।
राज्यपाल की नियुक्ति में सरकारिया आयोग की सिफारिश पर अमल किया जाना चाहिए। वाममोर्चा विधायक दल ने इस मुद्दे पर विधानसभा में धारा 194 के तहत नोटिस दी, लेकिन स्पीकर ने स्वीकार नहीं किया। दरअसल, इस मुद्दे पर राज्य सरकार का रुख अभी तक स्पष्ट नहीं है। हालांकि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अभी तक कल्याण सिंह को राज्यपाल नियुक्त किए जाने पर अपने रुख का खुलासा नहीं किया है। इस तरह के मुद्दे पर सरकार जब बचना चाहती है तो स्पीकर बचाव में उतर आते हैं। वाममोर्चा कल्याण सिंह को यहां का राज्यपाल बनाने का विरोध करेगा। सरकार को भी इस मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए।
कांग्रेस विधायक मानस भुइयां ने कहा कि कल्याण सिंह के पश्चिम बंगाल के राज्यपाल बनाने के मुद्दे पर वाममोर्चा को विरोध करना हास्यास्पद है। कल्याण सिंह ही पश्चिम बंगाल का राज्यपाल बनेंगे, इसकी अभी तक औपचारिक घोषणा नहीं हुई है। इस मुद्दे पर अभी से विरोध करने का कोई मतलब नहीं है। कांग्रेस ही सांप्रदायिक ताकतों का विरोध करती है। पश्चिम बंगाल में राज्यपाल की नियुक्त को लेकर गृह मंत्रालय को ममता बनर्जी से बातचीत करनी चाहिए।
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