दिल्ली गैंगरेप: तिहाड़ में करवटें बदल-बदल कर कटीं दरिंदों की रातें
कानून की पेचीदगियों से भले ही दिल्ली गैंगरेप मामले में सबसे ज्यादा बर्बरता करने वाले नाबालिग आरोपी को कम सजा मिली, लेकिन इसी मामले में तिहाड़ जेल में बंद बाकी चार आरोपी आरोपी तनाव में हैं। तीन-चार दिन से उन्होंने भरपेट खाना नहीं खाया है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। कानून की पेचीदगियों से भले ही दिल्ली गैंगरेप मामले में सबसे ज्यादा बर्बरता करने वाले नाबालिग आरोपी को कम सजा मिली, लेकिन इसी मामले में तिहाड़ जेल में बंद बाकी चार आरोपी आरोपी तनाव में हैं। तीन-चार दिन से उन्होंने भरपेट खाना नहीं खाया है।
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रातें करवटें बदलते हुए कट रही हैं। जेल सूत्रों के अनुसार आरोपियों को खुद का मुजरिम साबित होना बिल्कुल करीब दिख रहा है। इससे वह विचलित हैं। सोमवार को सभी को खाने में दाल-रोटी दी गई। सभी ने आधा-अधूरा खाना ही खाया।
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तिहाड़ की जेल संख्या-4 में दिल्ली गैंगरेप के आरोपी अक्षय ठाकुर और मुकेश जबकि जेल संख्या-सात में विनय शर्मा और पवन बंद है। पांचवां आरोपी राम सिंह जेल संख्या तीन में बंद था। 11 मार्च को उसकी लाश फंदे से लटकी मिली थी। तिहाड़ जेल सूत्रों के मुताबिक अक्षय ठाकुर को छोड़ मुकेश, पवन और विनय खासे तनाव में दिख रहे हैं।
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दरअसल राम सिंह की मौत के बाद जेल प्रशासन ने अन्य आरोपियों के सेल में सीसीटीवी कैमरा लगा रखा है। इसकी मदद से जेल अधिकारी उनपर 24 घंटे नजर रख रहे हैं।
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अक्षय प्रशासन से पहले बाहर टहलने की मांग करता रहा था। लेकिन गत दिनों कैदियों द्वारा उनपर हुए हमले के बाद से ही उन्हें उनकी सेल से बाहर नहीं निकाला जा रहा है। नतीजतन वे पूरा दिन बंद सेल में गुजारते हैं।
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