कोर्ट ने दिया ममता को झटका, शाह की सभा को मिली इजाजत
पश्चिम बंगाल में मजबूत होती भाजपा की जड़ों को कलकत्ता हाई कोर्ट ने भी अपने फैसले में जमीन मुहैया करा दी है। महानगर के विक्टोरिया हाउस के सामने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की रैली को लेकर जगह की अनुमति के लिए छिड़ी जंग में अदालत ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को
कोलकाता, जागरण संवाददाता। पश्चिम बंगाल में मजबूत होती भाजपा की जड़ों को कलकत्ता हाई कोर्ट ने भी अपने फैसले में जमीन मुहैया करा दी है। महानगर के विक्टोरिया हाउस के सामने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की रैली को लेकर जगह की अनुमति के लिए छिड़ी जंग में अदालत ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को करारा झटका दिया है। शुक्रवार को अदालत ने शाह की रैली को हरी झंडी दे दी, जिससे 30 नवंबर को पूर्व निर्धारित समय पर इसका आयोजन होगा।
कई दिनों से धर्मतल्ला में विक्टोरिया हाउस के सामने शाह की रैली के लिए अनुमति पाने के फेर में भाजपा चक्कर काट रही थी। पुलिस फिर नगर निगम और दमकल विभाग ने रैली की अनुमति न देकर इसे रद कराने की पूरी कोशिश की। आखिर हाई कोर्ट की शरण में गई भाजपा को लाभ मिला। शुक्रवार को न्यायाधीश देवांशु बसाक ने निर्देश दिया कि सभा निर्धारित स्थल पर ही होगी और तीन विशेष अधिकारियों की निगरानी में सभा का मंच तैयार किया जाएगा।
इसमें कोलकाता नगर निगम, कोलकाता पुलिस व दमकल विभाग के अधिकारी शामिल होंगे। इससे पहले अदालत ने कहा कि राजनीतिक दल जब नियम-कानून का पालन करने को तैयार हैं तो उसे सभा करने से मना नहीं किया जा सकता। अदालत के फैसले पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष राहुल सिन्हा ने कहा कि उन्हें न्याय व्यवस्था पर पूरा विश्वास है। सत्य की जीत जरूर होती है। शाह की सभा को हाई कोर्ट की एकलपीठ से मंजूरी मिलने के बाद ममता बनर्जी सरकार फैसले के खिलाफ दो जजों की खंडपीठ में अपील करेगी। शनिवार को अवकाश होने से विशेष खंडपीठ में अपील की जाएगी।
'भाजपा के बढ़ते कदम से डरीं ममता बनर्जी कोलकाता में रैली को अनुमति नहीं दे रही थीं। यह प्रदेश सरकार का अलोकतांत्रिक कदम है।' -श्रीकांत शर्मा, भाजपा के राष्ट्रीय सचिव
'भाजपा ने कानून की राह पकड़ी और अदालत के फैसले से उसकी जीत हुई, जबकि ममता सरकार की अराजकतावादी विचारधारा सामने आ गई है।' -सिद्धार्थ नाथ सिंह, भाजपा के सचिव व बंगाल प्रभारी
पढ़ें: कोलकाता में अमित शाह को रैली की इजाजत नहीं, भाजपा नाराज