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मुजफ्फरनगर: 'खाकी' के सामने ताल ठोंक रहे 'नकाबपोश'

कवाल कांड के बाद मजहबी दरार पाटने की राह में 'नकाबपोश' रोड़ा बन गए हैं। नफरत की खाई को चौड़ी करने में 'नकाबपोशों' ने खूब भूमिका निभाई। हिंसा के बाद से पूरा जिला नकाबपोशों के हवाले रहा, लेकिन पुलिस-प्रशासन इसे रोकने में पूरी तरह से नाकाम रहा।

By Edited By: Published: Fri, 01 Nov 2013 11:26 AM (IST)Updated: Fri, 01 Nov 2013 01:52 PM (IST)
मुजफ्फरनगर: 'खाकी' के सामने ताल ठोंक रहे 'नकाबपोश'

मुजफ्फरनगर [जागरण कार्यालय]। कवाल कांड के बाद मजहबी दरार पाटने की राह में 'नकाबपोश' रोड़ा बन गए हैं। नफरत की खाई को चौड़ी करने में 'नकाबपोशों' ने खूब भूमिका निभाई। हिंसा के बाद से पूरा जिला नकाबपोशों के हवाले रहा, लेकिन पुलिस-प्रशासन इसे रोकने में पूरी तरह से नाकाम रहा।

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हिंसा थमी तो नकाबपोश के हमले शुरू हो गए। इसकी शुरुआत मुख्यमंत्री के आगमन से एक दिन पूर्व 14 सितंबर को फुगाना के किसान अनिल व राजीव पर जंगल में हमले से हुई। फिर तो एक-एक कर पूरे जिले में साइलेंट वार और नकाबपोशों के हमले शुरू हो गए। नकाबपोशों के खून बहाने का जो सिलसिला शुरू हुआ वह थमने का नाम नहीं ले रहा है। इन नकाबपोशों ने दोनों समुदायों का खून बहाकर मजहबी खाई और चौड़ी कर दी है। नकाबपोशों का लोगों में खौफ है।

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शाम ढ़लते ही लोग घरों की ओर रुख कर रहे हैं, वहीं बढ़ते हमले से गन्ने की फसल तैयार होने के बावजूद किसान खेत पर जाने से परहेज कर रहे हैं। जानकारों का मानना है कि जिले में सांप्रदायिक हिंसा में जहर घोलने में नकाबपोशों का कम योगदान नहीं है। मुंह बांधे बदमाश एक दूसरे समुदाय पर हमला कर सौहार्द में जहर घोलने पर आमादा हैं।

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थमे नहीं आंसू..

बुढ़ाना कोतवाली क्षेत्र के गांव हुसैनपुर के मदरसे में मृतकों के शवों के पास गमजदा परिजनों के आंसू थामे नहीं थम रहे थे।

नकाबपोशों के हमले पर एक नजर

4 सितंबर को फुगाना के किसान राजीव व अनिल पर खेत में हमला। रतनपुरी के फुलत निवासी सब्जी विक्रेता शाहवेज की हत्या।

16 सितंबर को रतनपुरी के मोचड़ी व मंडावली के जंगल में बदमाशों और किसानों में फायरिंग।

17 सितंबर को फुगाना में दर्जनों नलकूपों में तोड़फोड़ व आगजनी।

26 सितंबर को जानसठ के बुद्ध बाजार निवासी मुज्जमिल पर धारदार हथियार से हमला।

27 सितंबर को बुढ़ाना के वेल्ली के जंगल में किसान उपेंद्र, राजकुमार, तेजपाल, प्रवीण आदि पर हमला।

28 सितंबर को तितावी के पास ट्रक परिचालक की हत्या, चालक सरप्रीत ने बचाई जान।

शाहपुर के कार सवार युवकों ने मेरठ के अमित को गोली मारी।

बुढ़ाना के खतौली मोड़ पर बदमाशों ने बिजनौर निवासी शाह आलम की हत्या की।

भौराकलां के राज सिंह की घर के सामने सोते समय गोली मारी।

मोहम्मदपुर रायसिंह के दो युवकों पर जानलेवा हमला।

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